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बढ़ेंगी आजम खान की मुश्किलें, शिकंजा कसने की तैयारी में ED, मांगी FIR की जानकारी

आजम खान का विवादों से पुराना नाता रहा है. पुलिस के मुताबिक 1982 से लेकर अब तक आजम खान के खिलाफ करीब 62 मामले दर्ज हो चुके हैं. ताजा मामला जमीन कब्जाने का है.

आजम खान (फाइल फोटो) आजम खान (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST

विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पुलिस के साथ-साथ अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी आजम खान पर शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है. ईडी ने रामपुर पुलिस प्रशासन से सपा सांसद आजम खान और अन्य के खिलाफ दर्ज 28 एफआईआर की डिटेल्स मांगी है.

दरअसल, आजम खान का विवादों से पुराना नाता रहा है. पुलिस के मुताबिक 1982 से लेकर अब तक आजम खान के खिलाफ करीब 62 मामले दर्ज हो चुके हैं. ताजा मामला जमीन कब्जाने का है. आरोप है कि आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण के दौरान किसानों और सरकारी जमीन के बहुत बड़े हिस्से पर कब्जा किया गया.

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आजम पर आरोप...

- जौहर यूनिवर्सिटी करीब 78 हैक्टेयर जमीन पर बना है.

- इसमें आरोप है कि आजम खान ने बिना पैसे दिए किसानों की करीब 15 हेक्टेयर जमीन जबरदस्ती ले ली.

- करीब 5 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप है.

- आरोप यह भी है कि बिना इजाजत के करीब 4 हेक्टेयर दलितों की जमीन खरीदी गई.

- अनियमित तरीके से जमीन लेने का आरोप है.

- ज्यादातर जमीनों को तीन गुना कम सर्किल रेट पर खरीदा गया.

- 88 करोड़ रुपये के सरकारी फंड का इस्तेमाल जौहर यूनिवर्सिटी के इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए किया गया.

- 14 हेक्टेयर शत्रु जमीन पर भी जौहर यूनिवर्सिटी का कब्जा है.

पुलिस के मुताबिक हाल-फिलहाल में आजम खान के खिलाफ कुल 28 मामले दर्ज किए गए. जिसमें से 26 मामले जमीन कब्जाने को लेकर हैं, जिन्हें आलिया गंज के किसानों की शिकायत पर दर्ज किया गया है. जबकि 2 मामले अभद्र टिप्पणी को लेकर दर्ज किए गए हैं.

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पुलिस के मुताबिक किसानों से मिली शिकायत पर रेवेन्यू इंस्पेक्टर से लेकर तमाम विभागों ने जांच किया जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया. राज्य के राजस्व विभाग की शिकायत में यह भी कहा गया है कि गरीब किसानों की जमीन हड़पने में अपने पद का दुरुपयोग करने वाले आजम खान ने विशाल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था.

राजस्व अधिकारी ने कहा, 'यह भूमि नदी किनारे की है, इसका अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है. हालांकि, राजस्व रिकॉर्ड जाली थे और बाद में कई सौ करोड़ की यह जमीन जौहर अली विश्वविद्यालय के रूप में अवैध रूप से हथिया ली गई.'

अधिकारी के अनुसार, नदी के किनारों पर कब्जा करने के लिए व धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से बनाए गए जाली दस्तावेज, आजम खान के खिलाफ मजबूत सबूत के तौर पर उपलब्ध हैं. फिलहाल पुलिस ने नोटिस जारी कर किसानों से खरीदे गए जमीन के दस्तावेज मांगे हैं.

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