
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को ‘कारण बताओ नोटिस’ भेजा है. मलिक के अलावा इस तरह के नोटिस श्रीनगर निवासी मुश्ताक अहमद डार और शमीमा उर्फ शाजिया उर्फ बिट्टी को भी भेजे गए हैं. ये नोटिस विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम,1999 (FEMA) के तहत भेजे गए हैं. शमीमा मुश्ताक अहमद डार की पत्नी है.
आजतक-इंडिया टुडे के पास मौजूद नोटिस की प्रति के मुताबिक मुश्ताक अहमद डार ने अवैध तरीके से एक लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 48.23 लाख रुपए, वर्ष 2001 के मूल्य के अनुसार) हासिल करने के बाद अपने पास रखे रखे. इसके अलावा डार ने 30,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 14.46 लाख रुपए, वर्ष 2001 के मूल्य के अनुसार) भारत में बिना भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के मंगाए.
ED के नोटिस के मुताबिक डार की पत्नी शमीमा ने अवैध तरीके से 70,000 अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा (करीब 13.76 लाख रुपए, वर्ष 2001 के मूल्य के अनुसार) विदेश से मंगा कर अपने पास रखी जिसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक की कोई अनुमति नहीं ली गई.
नोटिस में कहा गया है कि मोहम्मद यासीन मलिक ने वर्ष 2002 में भारत से बाहर रहने वाले व्यक्ति के निर्देश पर 1 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 48.23 लाख रुपए) अवैध तरीके से डील किए और ट्रांसफर किए. इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक से की अनुमति नहीं ली गई.
26 अक्टूबर को जारी हुए ED के नोटिस में तीनों को 30 दिन का समय देते हुए 26 नवंबर 2017 तक जवाब देने के लिए कहा है. ED इस मामले में तीनों को व्यक्तिगत तौर पर या वकील के माध्यम से या चार्टर्ड एकाउंटेंट के माध्यम से एजेंसी के सामने पेशी के लिए शीघ्र बुला सकता है.
2001 में जम्मू और कश्मीर पुलिस ने 1 लाख अमेरिकी डॉलर (48.23 लाख रुपए) जब्त करने के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. ये रकम मुश्ताक अहमद डार और उसकी पत्नी शमीमा के पास से जब्त की गई थी. पुलिस के मुताबिक डार ने कबूल किया था कि उसने ये पैसा नेपाल के एक शख्स से हासिल किया और इसे JKLF प्रमुख यासिन मलिक को सौंपा जाना था. इस मामले में यासीन मलिक को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत पर रिहाई मिल गई.