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मनी लॉन्ड्रिंग केस: तृणमूल कांग्रेस सांसद केडी सिंह के 7 ठिकानों पर ED की छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद कुंवर दीप सिंह (केडी सिंह) के दिल्ली और चंडीगढ़ स्थित सात ठिकानों पर छापा मारा.

टीएमसी सांसद केडी सिंह टीएमसी सांसद केडी सिंह
मुनीष पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

  • 32 लाख की नकदी और 10,000 डॉलर की कीमत के बराबर विदेशी करंसी भी बरामद.
  • केडी​ सिंह की कंपनियों पर कोलकाता पुलिस ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद कुंवर दीप सिंह (केडी सिंह) के दिल्ली और चंडीगढ़ स्थित सात ठिकानों पर छापा मारा. ईडी के मुताबिक, यह छापेमारी गुरुवार को शुरू की गई थी. सांसद केडी सिंह के बिजनेस ग्रुप अलकेमिस्ट से जुड़ी 14 कंपनियों के दफ्तरों में यह कार्रवाई की गई. केडी​ सिंह की कंपनियों पर कोलकाता पुलिस ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था, जिसके आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई की है. केडी सिंह के दिल्ली में तुगलक लेन स्थित आधिकारिक आवास, उनके चंडीगढ़ आवास, दो कंपनी डायरेक्टर के आवासों पर भी ईडी ने छापा मारा.

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 ईडी ने कहा है, “छापे के दौरान तमाम दस्तावेज, डिजिटल सबूत और प्रॉपर्टी के जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए हैं. केडी सिंह के दिल्ली आवास पर 32 लाख रुपये की नकदी और 10,000 डॉलर की कीमत के बराबर विदेशी करंसी भी जब्त की गई है.” 2018 में कोलकाता पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की थी. इसमें केडी सिंह, उनके बेटे करनदीप सिंह, अलकेमिस्ट टाउनशिप लिमिटेड, अलकेमिस्ट होल्डिंग्स लिमिटेड समेत उनकी कई कंपनियों और निदेशकों के खिलाफ लोगों के साथ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश करने का आरोप था.

ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केडी सिंह और उनके बिजनेस ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी. ईडी के मुताबिक, केडी सिंह ने अपनी कंपनियों- अलकेमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेड और अल​केमिस्ट हो​ल्डिंग्स लिमिटेड- के जरिए हजारों ग्राहकों से निवेश के नाम पर भारी रकम उठाई और ग्राहकों को यह कहकर फुसलाया गया कि उन्हें हाई रिटर्न मिलेगा. उन्हें प्लॉट और फ्लैट्स का भी लालच दिया गया था.

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ईडी का कहना है कि “जनता से जो फंड जुटाए गए, इनका इस्तेमाल उन कामों में नहीं हुआ, जिनके नाम पर यह लिया गया था. इन्हें दूसरी कई कंपनियों में लगाया गया. आम जनता से जुटाए गए इन पैसों का कई कंपनियों में फर्जी तरीके से निवेश किया गया. इन कंपनियों के डायरेक्टर भी फर्जी थे.” एजेंसी का आरोप है कि कंपनियों के जो डायरेक्टर थे, उन्हें ही यह नहीं मालूम था कि जो पैसा जुटाया गया और कंपनी में ट्रांसफर हुआ, उसका मकसद क्या है. ईडी अलकेमिस्ट इन्फ्रा रियलिटी लिमिटेड के खिलाफ एक और मामले में जांच कर रही है. हाल ही में इस समूह से जुड़ी 239.29 करोड़ की प्रॉपर्टी को ईडी ने अटैच कर दिया था.

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