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ED ने माल्या को जारी किया तीसरा समन, 9 अप्रैल को मुंबई में होगी पेशी

ईडी 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में धनशोधन जांच के सिलसिले में विजय माल्या की पेशी चाहता है.

विजय माल्या विजय माल्या
स्‍वपनल सोनल/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 02 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को शराब कारोबारी विजय माल्या को तीसरा और संभवत: आखिरी समन जारी कर दिया है. उन्हें नौ अप्रैल को मुंबई में जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने को कहा है. माल्या को शनिवार को ही पेश होना था, लेकिन उन्होंने असमर्थता जताते हुए मई तक पेशी से छूट मांगी थी. वह देश के कई बैंकों से 9000 करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भाग गए हैं.

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बता दें कि ईडी 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में धनशोधन जांच के सिलसिले में विजय माल्या की पेशी चाहता है. सबसे पहले माल्या को 18 मार्च को मुंबई में पेश होने को कहा गया था, लेकिन तब उन्होंने मार्च तक की पेशी से छूट मांगी थी. इसके बाद एजेंसी ने उन्हें दूसरा समन जारी कर 2 अप्रैल पेश होने को कहा था.

'यह माल्या को भेजा गया आखि‍री समन'
सरकारी सूत्रों ने बताया, 'ईडी के मुंबई कार्यालय में तैनात जांच अधिकारियों ने शनिवार को यूनाइटेड ब्रेवरीज (यूबी) ग्रुप के प्रमुख को ताजा समन जारी कर उन्हें नौ अप्रैल को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है.' अधिकारियों ने संकेत दिए कि यह माल्या को भेजा गया आखिरी समन हो सकता है, क्योंकि जांच अधिकारी (आईओ) अब तक तकनीकी और कानूनी आधार पर उनकी पेशी टालने का अनुरोध मानते रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अमूमन तीन समन भेजे जाते हैं और अगले शनिवार की नई तारीख तक यह पूरा हो जाएगा. ईडी अधिकारियों ने यह भी कहा कि आईओ ने मई तक की मोहलत देने की माल्या की अर्जी खारिज कर दी थी, क्योंकि उनका जांच में हिस्सा लेना अहम है और इसलिए उन्हें सिर्फ अगले शनिवार तक का वक्त दिया गया है.

रद्द हो सकता है माल्या का पासपोर्ट
समझा जाता है कि माल्या ने शुक्रवार को आईओ को सूचित किया था कि बैंक कर्ज से जुड़े मामले अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं और अपनी कानूनी व कॉरपोरेट टीम की मदद से वह इन कर्जों को चुकाने की कोशिश कर रहे हैं, लिहाजा उन्हें कुछ और वक्त की जरूरत होगी. सूत्रों ने बताया कि यदि माल्या नौ अप्रैल को भी पेश नहीं होते हैं तो प्रवर्तन निदेशालय उनका पासपोर्ट रद्द करने के लिए कानूनी कदम उठा सकता है और किसी अदालत से उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी करवा सकता है.

माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (केएफए) ने 30 मार्च को एक सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए प्रस्ताव में कहा था कि वह कुल 6,903 करोड़ रुपये के कर्ज में से 4,000 करोड़ रुपये का कर्ज इस साल सितंबर तक चुका देंगे. खबरों के मुताबिक, दो मार्च को भारत छोड़कर जाने के बाद वह अभी ब्रिटेन में रह रहे हैं.

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