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जेट के पूर्व बॉस नरेश गोयल से ED ने की पूछताछ, FEMA उल्लंघन के मिले थे संकेत

जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल से विदेशी विनिमय प्रबंधन एक्ट के उल्लंघन के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से लंबी पूछताछ की गई. अब जेट एयरवेज की सेवाएं ऑपरेशन में नहीं है.

जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल (फाइल फोटो- रॉयटर्स) जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल (फाइल फोटो- रॉयटर्स)
मुनीष पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST

  • जेट एयरवेज के पूर्व बॉस नरेश गोयल से ED की पूछताछ
  • पूछताछ के लिए दो दिन पहले गोयल को बुलाया गया
  • एयरलाइंस के चेयरमैन रहने के दौरान लेनदेन को लेकर पूछताछ

जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल से विदेशी विनिमय प्रबंधन एक्ट (FEMA) के उल्लंघन के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से लंबी पूछताछ की गई. अब जेट एयरवेज की सेवाएं ऑपरेशन में नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ उसी दौरान के लेनदेन को लेकर है जब गोयल इस एयरलाइंस के चेयरमैन थे.

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एक अधिकारी ने बताया, 'उन्हें (गोयल) दो दिन पहले पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन कुछ मुद्दों के कारण, वह जांच में शामिल नहीं हो पाए. शुक्रवार सुबह वो हमारे सामने आए और हमने उनका बयान रिकॉर्ड किया.' 

जांच के दौरान विदेशी बैंक खातों का पता चला था

ED का दावा है कि उसने अपनी जांच के दौरान कुछ ऐसे विदेशी बैंक खातों का पता लगाया जो कथित रूप से गोयल से जुड़े थे और उनमें भारी रकम जमा है. पूर्व में ED ने गोयल और उनके लंबे समय के सहयोगी हसमुख गार्डी के ठिकानों की तलाशी ली थी. इनमें जेट एयरवेज से जुड़े मुंबई और दिल्ली में 12 रिहाइशी परिसर शामिल थे.  

ED के मुताबिक, जांच से संकेत मिलता है कि नरेश गोयल के विदेश स्थित कुछ बैक खातों के लाभार्थी मालिक होने की संभावना है जिनमें भारी रकम जमा है. एक सूत्र ने कहा, 'पहली नजर में इन लेनदेनों में FEMA के तहत कई उल्लंघन हुए लगते हैं.'   

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फेमा के तहत ईडी की जांच

FEMA के तहत ED की जांच विभिन्न स्रोतों से हासिल खुफिया इनपुट्स और शिकायतों पर आधारित है. गोयल के कारोबारी साम्राज्य में निजी स्वामित्व वाली कंपनियां हैं, जिनमें से 14 कंपनियां भारत में और 5 कंपनियां भारत के बाहर रजिस्टर्ड हैं.

अपनी जांच के आधार पर एजेंसी का दावा है, 'नरेश गोयल अप्रत्यक्ष रूप से विदेशों में विभिन्न संस्थाओं को नियंत्रित करते हैं, जिनमें से कुछ टैक्स हैवन में हैं. अब तक की गई प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि नरेश गोयल ने टैक्स छुपाने वाली विभिन्न योजनाएं तैयार की और उनसे अपनी घरेलू कंपनियों और विदेशी टैक्स न्यायक्षेत्र में आने वाली कंपनियों से जोड़ा. फिर संदिग्ध और फर्जी लेनदेनों से भारी रकम की विदेशी न्यायक्षेत्र वाले इलाकों में निकासी की.'   

विदेशी-घरेलू परिसंपत्तियों को जानने की कोशिश

ED के मुताबिक, ये फर्जी और बढ़ा चढ़ाकर किए गए भुगतान विभिन्न एयरलाइंस लीज समझौतों और एयरक्राफ्ट मेंटनेंस समझौतों के तहत विदेश स्थित अपनी ही कंपनियों को किए गए.

ED अधिकारी ने कहा, 'दुबई स्थित इस ग्रुप की कंपनी ने एयरलाइंस के एक्सक्लूसिव ओवरसीज जनरल सेल्स एजेंट (GSA) के तौर पर काम किया और इसी के जरिए मोटी कमीशन के नाम पर भारी रकम विदेश भेजी गई.'  

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जब्त दस्तावेज को खंगालने के जरिए ED गोयल से जुड़ी विदेशी और घरेलू परिसंपत्तियों के बारे में अधिक जानने की कोशिश कर रही है.

बता दें कि इस साल मार्च में, गोयल ने एयरलाइंस के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया. जेट एयरवेज ने नकदी के अभाव में 17 अप्रैल को एयरलाइंस के ऑपरेशन बंद कर दिए. इससे जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए. जांच एजेंसियों की ओर से नरेश गोयल के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया.

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