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कैराना में क्यों खराब हुई थी EVM, चुनाव आयोग ने ढूंढ निकाली वजह

28 मई को हुए उपचुनाव में भीषण गर्मी के दौरान उत्तर प्रदेश के कैराना और महाराष्ट्र के भंडारा गोंदिया लोकसभा क्षेत्र में मतदान मशीनें बड़ी तादाद में खराब हुई थीं. चुनाव आयोग ने फौरन टेक्निकल एक्सपर्ट की दो टीमों को पड़ताल के काम में लगाया.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
संजय शर्मा/राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2018,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST

चुनाव आयोग की टेक्निकल एक्सपर्ट टीम ने कैराना और भंडारा गोंदिया सहित दस सीटों पर हुए उपचुनाव में EVM और VVPAT मशीनों की बड़ी तादाद में खराबी की वजह ढूंढ निकाली है. टीम ने अपनी पड़ताल की रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी है. रिपोर्ट के मुताबिक अधिक गर्मी और उमस में ज़्यादा समय तक बगैर समुचित देखभाल के बाहर रहने की वजह से मशीनों में खराबी आई.

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28 मई को हुए उपचुनाव में भीषण गर्मी के दौरान उत्तर प्रदेश के कैराना और महाराष्ट्र के भंडारा गोंदिया लोकसभा क्षेत्र में मतदान मशीनें बड़ी तादाद में खराब हुई थीं. चुनाव आयोग ने फौरन टेक्निकल एक्सपर्ट की दो टीमों को पड़ताल के काम में लगाया. दोनों टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि कड़ी धूप और वातावरण में नमी की वजह से EVM और VVPAT में लगे कॉन्ट्रास्ट सेंसर और लेंथ सेंसर का मिजाज बिगड़ गया.

साथ ही ये भी पता चला कि जो कागज़ VVPAT यानी वोटर वेरिफिकेशन पेपर ऑडिट ट्रेल वाली मशीन में इस्तेमाल होता है वो नमी ज़्यादा सोखता है. लिहाजा उसकी नमी मशीन में अंदर पहुंच कर गड़बड़ करती है. कागज़ का रोल भी भारी हो जाता है.

टीम ने अपनी रिपोर्ट मशीनें बनाने वाली दोनों अधिकृत कम्पनियों BEL और ECIL को भी भेज दी है. रिपोर्ट में कहां-कैसी दुरुस्तगी की जा सकती है, उसका भी ज़िक्र है. साथ ही भविष्य में विपरीत मौसमी परिस्थितियों में एहतियात बरतते हुए क्या करें क्या नहीं, इस बाबत एक सूची यानी SOP भी तैयार की है.

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आयोग का कहना है कि मतदान के बाद 45 दिनों की अवधि तक इलेक्शन पेटिशन के लिहाज से कैराना गोंदिया की मशीनें स्ट्रांग रूम में रखी हैं. इसके बाद जुलाई में इनको भी कम्पनी में अतिरिक्त प्रयोजन के लिए भेजा जाएगा.

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