
इस साल के अंत में तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर चुनाव आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी है. चुनाव आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने तक ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के भंडारण केंद्रों की सुरक्षा में सिर्फ और सिर्फ सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा है.
आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्चाचन अधिकारियों को जारी निर्देश में स्पष्ट किया है कि मशीनों के भंडारण केंद्र की सुरक्षा में कहीं भी निजी सुरक्षा एजेंसियों के गार्ड, यहां तक कि सिविल डिफेंस, गैर पुलिस सेवा के सुरक्षा कर्मियों और वॉलेंटियर आदि की तैनाती एकदम ना करने को कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि आयोग ने चुनाव से पहले मशीनों की प्रारंभिक चरण की जांच (एफएलसी) और सुरक्षा से जुड़े इंतजामों को लेकर गत वर्ष 30 अगस्त को जारी विस्तृत दिशानिर्देशों में इस स्पष्टीकरण को शामिल करते हुये गत 29 अगस्त को यह आदेश जारी किया है.
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पिछले आदेश में मशीनों के भंडारण केन्द्र (वेयर हाउस) और स्ट्रॉंग रूम (जिस कमरे में मशीनें रखी गयी हैं) में राज्य सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की हर पल निगरानी सुनिश्चित करने की बात कही गई थी.
लेकिन ताजा आदेश में निजी सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षागार्ड अथवा सिविल डिफेंस आदि के गार्ड की तैनाती नहीं करने का स्पष्टीकरण जोड़ कर आयोग ने साफ कर दिया है कि इस काम में किसी भी परिस्थिति में सिर्फ सशस्त्र पुलिस बल के जवान ही तैनात होंगे.
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी ईवीएम वीवीपैट की सुरक्षा में सशस्त्र पुलिस बलों को ही तैनात किया जाता रहा है. इस बारे में किसी भी प्रकार के भ्रम की गुंजाइश नहीं रहे, इसके लिये ताजा निर्देश में यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है. हालांकि इस आदेश में आयोग ने यह छूट जरूर दी है कि नियमित पुलिस बल के जवानों की तैनाती नहीं हो सकने जैसी अपवाद की स्थिति में होमगार्ड के जवानों का इस्तेमाल किया जा सकेगा.