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EC का बड़ा फैसला, राजस्थान में हर सीट पर EVM के साथ इस्तेमाल होगा VVPAT

राजस्थान में इस साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके मद्देनजर चुनाव आयोग ने खास तैयारियां की हैं. ईवीएम से वोटिंग पर विपक्षी दलों की शंकाएं दूर करने के साथ मतदान प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए भी चुनाव आयोग ने कुछ नए प्रयोग किए हैं.

मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:02 PM IST

ईवीएम के खिलाफ उठने वाले शंकाओं के स्वर को दबाने के लिए चुनाव आयोग ने बड़ी तैयारी की है. वोटिंग में स्पष्टता को मजबूत करने के लिए आयोग ने राजस्थान की सभी विधानसभा सीटों पर वीवीपैट के इस्तेमाल का फैसला किया है. ऐसा पहली बार होगा जब हर विधानसभा क्षेत्र में ईवीएम के साथ वीवीपैट का उपयोग होगा.

जयपुर में मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने मंगलवार को कहा कि आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में पहली बार सभी 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वीवीपैट और ईवीएम एम.3 मशीनों के जरिए मतदान कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य के 51,796 मतदान केंद्रों पर ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का इस्तेमाल किया जाएगा.

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बता दें कि 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे एकतरफा बीजेपी के पक्ष में जाने के बाद से ही ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर विपक्षी दल आवाज उठाते रहे हैं. यहां तक कि वह चुनाव आयोग से भी इस संबंध में शिकायत कर चुके हैं. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने तो बाकायदा विधानसभा में डेमो देकर यह साबित करने की कोशिश की थी कि ईवीएम में गड़बड़ी की जा सकती है. हालांकि, चुनाव आयोग हमेशा से ईवीएम के खिलाफ आवाज उठाने वाले दलों को चैलेंज करता रहा है. अब राजस्थान चुनाव में आयोग ने हर विधानसभा में ईवीएम (EVM) के साथ वीवीपैट (VVPAT) के इस्तेमाल का निर्णय लिया है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीईसी ओपी रावत ने राजस्थान के सभी अधिकारियों को पूरी तरह निडर और निष्पक्ष रूप से कार्य करने की हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की पक्षपात पूर्ण कार्रवाई को आयोग द्वारा पूरी गंभीरता से लिया जाएगा. आयोग ने मुख्य सचिव को भी निर्देश दिए कि चुनाव से जुड़े हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए.

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उन्होंने कहा कि आयोग का पूर्ण विश्वास है कि इस नई तकनीक से मतदान सुगम, सहज होने के साथ ही और अधिक पारदर्शी व निष्पक्षता के साथ सम्पन्न कराया जा सकेगा ताकि लोकतंत्र के इस महोत्सव के प्रति किसी के मन में कोई शंका ना रहे.

आयोग की खास तैयारी

राजस्थान में इस वर्ष के अंत में होने वाले चुनावी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राज्य के विधानसभा चुनावों मे पहली बार 'एक्सेसेबिलिटी' पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाएगी और राज्य के प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक एक मतदान केंद्र पर सम्पूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा संचालित मतदान दल गठित किए जाने के निर्देश दिए गए.

ऐप पर दर्ज होंगी शिकायत

उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव 2018 में आदर्श आचार संहिता एवं अन्य नियमों के उल्लंघन पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 'सी विजिल' नाम से एक एप को लॉन्च किया गया है, जो अधिकतम सौ मिनट की समय सीमा में प्राप्त शिकायतों का समाधान करेगा. इस एप के माध्यम से कोई भी नागरिक चुनाव आचार संहिता संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकेगा और इसका समयबद्ध तरीके से निराकरण किया जाएगा.

राजस्थान में मतदाता संख्या

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ओवी रावत ने बताया कि 31 जुलाई 2018 को प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची के अनुसार राज्य में कुल 4 करोड़ 75 लाख 10 हजार 434 मतदाता हैं. जिसमें 2 करोड़ 48 लाख 21 हजार 957 पुरुष 2 करोड़ 26 लाख 88 हजार 677 महिला मतदाता और 349 किन्नर मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.

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