Advertisement

ऋण धोखाधड़ी मामले में आंध्रा बैंक के पूर्व अधिकारी गिरफ्तार

गिरफ्तारी गुजरात की फार्मा कंपनी से संबंधित 5,000 करोड़ रुपये की बैंक ऋण धोखाधड़ी के सिलसिले में हुई है.

आंध्रा बैंक के पूर्व अधिकारी गिरफ्तार आंध्रा बैंक के पूर्व अधिकारी गिरफ्तार
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली ,
  • 13 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

गुजरात मनी लॉंड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक और गिरफ्तारी की है. ईडी ने आंध्र बैंक के पूर्व निदेशक अनूप प्रकाश गर्ग को कल शाम गिरफ्तार किया. यह गिरफ्तारी गुजरात की फार्मा कंपनी से संबंधित 5,000 करोड़ रुपये की बैंक ऋण धोखाधड़ी के सिलसिले में हुई है.

फार्मा कंपनी से संबंधित 5,000 करोड़ रुपये की बैंक ऋण धोखाधड़ी के सिलसिले में यह दूसरी गिरफ्तारी है. आपको बता दें कि एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में इसी मामले में दिल्ली के एक कारोबारी गगन धवन को यहां गिरफ्तार किया था. गर्ग को मनी लांड्रिंग रोधक कानून 'पीएमएलए' के तहत गिरफ्तार किया गया है.

Advertisement

उन्हें एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. गर्ग को इस मामले में ईडी और सीबीआई ने आरोपी बनाया है. ईडी ने सीबीआई की एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए मनी लॉंड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

क्या है मामला ?

एजेंसी ने कहा कि जांच के दौरान आयकर विभाग द्वारा 2011 में जब्त की गई डायरी में ‘श्री गर्ग निदेशक, आंध्रा बैंक’ के नाम से 1.52 करोड़ रुपये के विभिन्न नकद भुगतान की प्रविष्टियां मिलीं.  यह भुगतान 2008 से 2009 के दौरान संदेसरा ब्रदर्स के नाम से किया गया.

सीबीआई ने स्टर्लिंग बायोटेक और उसके निदेशकों चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंती संदेसरा और विलास जोशी, चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत हाथी और कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी में मामला दर्ज किया था. आरोप है कि कंपनी ने आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले गठजोड़ से 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (NPA) बन गया था.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement