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Exclusive: अंतिम पड़ाव में थी ट्रेड डील, ट्रंप के भारत दौरे से ठीक पहले अमेरिका ने किया इनकार

ट्रंप के दौरे से ऐन पहले अमेरिका, भारत के साथ व्यापारिक समझौता करने से पीछे हट गया. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी अपने दौरे पर भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील की संभावना से इनकार कर चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
राज चेंगप्पा
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

  • 24 फरवरी को भारत के दौर पर आ रहे हैं ट्रंप
  • भारत-US के बीच नहीं होगी कोई बड़ी ट्रेड डील

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आ रहे हैं. ट्रंप की यह यात्रा दो दिन की होगी. इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई समझौते भी होने की उम्मीद है. हालांकि दोनों देशों में कोई भी बड़ा व्यापारिक समझौता नहीं होगा.

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दरअसल, ट्रंप के दौरे से ऐन पहले अमेरिका भारत के साथ व्यापारिक समझौता करने से पीछे हट गया. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी अपने दौरे पर भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील की संभावना से इनकार कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें: भारत दौरे से पहले बोले ट्रंप- मोदी को करता हूं पसंद , पर अभी नहीं कर सकता ट्रेड डील

24 फरवरी से शुरू होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से पहले ऐसा माना जा रहा था कि भारत ने अमेरिका के साथ कोई बड़ी ट्रेड डील करने से अपने पैर पीछे खींच लिए हैं. हालांकि अब भारत के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया है कि भारत ने नहीं बल्कि ये अमेरिका था जिसने ऐन वक्त पर कोई बड़ा व्यापारिक सौदा करने से इनकार कर दिया.

होल्ड पर रखी डील

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इंडिया टुडे को पता चला है कि भारत और अमेरिका के दोनों पक्षों ने ट्रंप के दौरे से पहले एक व्यापारिक सौदे के लिए भी काफी मेहनत की. दोनों पक्षों के बीच लगभग डील तय भी हो गई थी लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने मेगा संधि की आवश्यकता का हवाला देते हुए आखिरी समय में अपने पांव पीछे खींच लिए और इसे होल्ड पर रख दिया. अमेरिका ने भारत को कहा कि वो एक बड़े व्यापारिक समझौते के लिए अभी थोड़ा इंतजार करेंगे.

सूत्रों के मुताबिक दोनों तरफ से कई क्षेत्रों में कम टैरिफ और बाजार में पहुंच प्रदान करने के लिए स्वीकार्य पैकेज के मुद्दे पर बात हुई. इसमें अमेरिका की मांग थी कि कुछ चिकित्सा उपकरणों पर मूल्य प्रतिबंधों में ढील दी जाए तो वहीं भारत की मांग थी कि अमेरिका वरीयता सामान्यीकरण प्रणाली (जीएसपी) को बहाल करे, जिसे उसने पिछले जून में वापस ले लिया था.

जीएसपी के तहत भारतीय निर्माताओं को अमेरिका में 3000 से ज्यादा चुनिंदा उत्पादों पर शुल्क मुक्त निर्यात (ड्यूटी फ्री एक्सपोर्ट) की अनुमति मिलती थी.

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सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष जब इस डील के काफी करीब थे, तभी अमेरिकी पक्ष ने कहा कि वे इसे रोकना चाहते हैं और बाद में इसके लिए आगे बढ़ना चाहते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इसे और बड़ा बनाने चाहते हैं. इससे पहले अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के उच्च टैरिफ के बारे में नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि अमेरिका और भारत एक बड़े सौदे पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं.

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व्यापार और आर्थिक संबंध महत्वपूर्ण

इस बीच अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'भारत के साथ व्यापार और आर्थिक संबंध अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण हैं और मुझे लगता है कि अमेरिका का बाजार भारत सरकार के लिए महत्वपूर्ण है. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सही संतुलन बने. हम बहुत सारी चिंताओं को दूर करना चाहते हैं और हम अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं. हम इन चिंताओं के बारे में प्रधानमंत्री के साथ चर्चा करेंगे और यात्रा से परे चर्चा जारी रखेंगे.'

ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र पर ध्यान

वहीं अब ट्रंप की यात्रा का ध्यान होमलैंड सिक्योरिटी की बजाय ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों के प्रमुख सौदों पर चला गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मंगलवार 25 फरवरी को औपचारिक द्विपक्षीय बैठक में इन पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है. सोमवार 24 फरवरी को ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका के साथ भारत पहुंचने वाले हैं. 25 फरवरी तक चलने वाले अपने दौरे में ट्रंप अहमदाबाद, दिल्ली और आगरा भी जाएंगे.

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