
नवजोत सिंह सिद्धू अपने क्रिकेट के दिनों की तरह ही इन दिनों राजनीति में भी अटैकिंग फॉर्म में हैं. पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर ईस्ट सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धू चुनाव प्रचार में भी फ्रंटफुट पर आकर बैटिंग कर रहे हैं. सिद्धू ने 'आज तक' से खास बातचीत में सवालों के जवाब उसी बेबाकी से दिए, जिसके लिए सिद्धूवाणी जानी जाती है.
कांग्रेस अगर पंजाब में चुनाव जीतती है तो क्या सिद्धू मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं, इस सवाल का सिद्धू ने सीधा जवाब नहीं दिया. लेकिन ये जरूर कहा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, ये पार्टी के विधायक और आलाकमान तय करता है, सीनियर लीडर तय करते हैं, पहला काम चुनाव जीतना है. सिद्दू ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दो आंखों वाला धृतराष्ट्र बताया, जिन्हें अपने परिवार के सिवा और कुछ नजर नहीं आता. एक सवाल के जवाब में सिद्धू ने खुलासा किया कि 2014 लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट से उन्हें चुनाव नहीं लड़ने देने के पीछे बादल का ही साजिश थी.
ऐसे होती है सिद्धू के दिन की शुरुआत
'आज तक' ने सिद्धू के साथ दिन बिताकर देखा कि चुनाव प्रचार के दौरान उनकी व्यस्तता कैसी चल रही है. सिद्धू के दिन की शुरुआत गुरुद्वारे में मत्था टेकने और ध्यान-मनन से होती है. शुद्ध शाकाहारी सिद्धू ने बताया कि वो सुबह नाश्ते में एक अखरोट, 5 बादाम, चाय के साथ खाकरा जैसी एक रोटी और कुछ फल लेते हैं. दोपहर में दो रोटी और सूरज ढलने से पहले एक रोटी लेते हैं. सूरज ढलने के बाद कुछ नहीं खाते. यही वजह है कि सुबह वो साढ़े तीन बजे उठ कर ध्यान लगा पाते हैं.
पार्टी विधायकों और आलाकमान तय करेगी सीएम
सिद्धू से जब पूछा गया कि क्या वो पंजाब का सीएम बनने की इच्छा रखते हैं तो उन्होंने कहा कि मान-सम्मान उसे नहीं मिलता जो उसकी इच्छा करता है. ये उसे मिलता है जो इच्छा किए बिना अपने कर्तव्य पथ पर डटा रहता है. मेरा कर्तव्य है कांग्रेस पार्टी को इकट्ठा रखना क्योंकि कांग्रेस को विरोधी नहीं हरा सकते, कांग्रेस को खुद कांग्रेसी ही हरा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने राहुल और प्रियंका गांधी को यही बात कही कि एक ही एजेंडा है और वो है पंजाब को उभारना.
जब सीएम बनने की चाहत से संबंधित सवाल सिद्धू से दोबारा पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरे मुंह में शब्द मत डालिए. ये पार्टी विधायक और आलाकमान तय करेगा. वरिष्ठ नेता तय करेंगे. सिद्धू के मुताबिक उनका फोकस कांग्रेस को पंजाब में जिताने पर है. विधायक बनकर लोगों की आवाज बुलंद करने पर है जिससे पंजाब को बदहाली से खुशहाली की ओर ले जाया जा सके.
जेटली मेरे गुरु, उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस आरोप कि सिद्धू बिना विचारधारा के व्यक्ति हैं और उन्होंने राजनीति को सौदेबाजी का काउंटर बना दिया है. सिद्धू ने कहा कि वो मेरे गुरु हैं उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहता. सिद्धू ने आगे कहा कि अगर एक भी बंदा आकर ये कह दे कि सिद्धू ने कभी अपने लिए कुछ मांगा तो वो राजनीति छोड़ देने के लिए तैयार हैं.
सांसद रहने के दौरान संसद नहीं जाने और अपने चुनाव क्षेत्र से दूर रहने के आरोपों पर सिद्धू ने कहा कि यू ट्यूब पर 'नवजोत सिद्धू ऑन हेरिटेज सिटी' लिंक को देख लीजिए कि सिद्धू ने संसद में क्या-क्या बोला.
'दो आंखों वाले धृतराष्ट्र हैं बादल'
सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दो आंखों वाला धृतराष्ट्र बताया जिन्हें अपने परिवार के सिवा और कुछ नजर नहीं आता. सिद्धू ने 2014 लोकसभा चुनाव में अमृतसर से उन्हें चुनाव ना लड़ने देने के लिए बादल पर साजिश करने का आरोप लगाया. सिद्धू ने कहा कि बादल ने सोचा सिद्धू को खत्म करना है तो ये काम उसकी पार्टी से कराओ. इसलिए मेरे गुरु (अरुण जेटली) को अमृतसर लाकर चुनाव लड़वा दिया गया. सिद्धू ने इस बात का खंडन किया कि उन्होंने अपनी जगह अमृतसर से जेटली को उम्मीदवार बनाए जाने पर नाराजगी जताई थी.
मेरा मुकाबला खुद से
यह पूछे जाने पर कि केजरीवाल या बादल में से किसे मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानते हैं तो सिद्धू ने कहा कि चुनाव में मुकाबले में हर पार्टी आती है. मैं अपना पक्ष रखने में यकीन रखता हूं. मेरा मुकाबला खुद से है. वो हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. लेकिन मैं सत्य के पक्ष में हूं, सत्य ही परमेश्वर है. गांधी जी के पास सत्य ही था जिसकी वजह से दुनिया उन्हें हमेशा याद करेगी.
सिद्धू के माथे पर लिखा है 'नॉट फॉर सेल'
सिद्धू ने पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के इस आरोप को गलत बताया कि सिद्धू बिकाऊ हैं. सिद्धू ने कहा कि सिद्दू के माथे पर लिखा है 'नॉट फॉर सेल'. एक भी व्यक्ति नहीं कह सकता कि सिद्धू ने अपने लिए या परिवार के लिए कभी कुछ मांगा हो. सिद्धू ने बादल परिवार के लिए कहा कि इन्होंने राज्य का खजाना हड़प कर अपने यहां भर लिया. अपनी कंपनियां बना ली. तमिलनाडु में 6000 ठेकों से 25 से 30 हजार करोड़ राजस्व आता है. पंजाब में ये सिर्फ 5000 करोड़ जुटाते हैं. रोडवेज की बसें घाटे में हैं लेकिन इनकी आठों कंपनियां फायदे में हैं. माइनिंग से 5-10 हजार करोड़ आते हैं लेकिन राज्य को सिर्फ 50 करोड़ जाता है. सिद्धू ने कहा कि ये बौखलाहट दिखा रहे हैं, ये धर्म की आड़ में खड़े होकर वार करेंगे, लेकिन सिद्धू क्या है, ये सभी लोग अच्छी तरह जानते हैं.
पॉलिटिक्स में आता है सबसे ज्यादा आनंद
पॉलिटिक्स, कॉमेडी शो या क्रिकेट, किस में सबसे ज्यादा आनंद लेते हैं, इस सवाल के जवाब में सिद्धू ने पॉलिटिक्स का नाम लिया. सिद्धू ने कहा कि वो सौभाग्यशाली हैं कि उन्होंने 20 साल क्रिकेट खेली, तीन बार सांसद बने. सिद्धू ने जोर देकर कहा कि कोई सच्चा-सुच्चा इंसान पॉलिटिक्स में कमान संभाले तो लोगों की जिंदगी तब्दील कर सकता है. लोगों का जीवन खुशहाल कर सकता है. सिद्धू के मुताबिक वो हमेशा कहते हैं कि इबादत नहीं है सिर्फ माला घुमा देना, इबादत है किसी भूखे को खिला देना, रोते को हंसा देना, उजड़े को बसा देना.