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Exclusive: सर्जिकल स्ट्राइक के बाद समुद्री सरहद पर कोस्ट गार्ड का ऑपरेशन हाई अलर्ट

पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश की समुद्री सरहद पर हाई अलर्ट है. पाकिस्तानी सेना की मदद से आतंकी हमले से निपटने के लिए कोस्ट गार्ड ने ऑपेरशन हाई अलर्ट शुरू किया है.

चप्पे-चप्पे पर है कोस्ट गार्ड की निगरानी चप्पे-चप्पे पर है कोस्ट गार्ड की निगरानी
संजय बरागटा/मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश की समुद्री सरहद पर हाई अलर्ट है. पाकिस्तानी सेना की मदद से आतंकी हमले से निपटने के लिए कोस्ट गार्ड ने ऑपेरशन हाई अलर्ट शुरू किया है. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार आजतक ने पाकिस्तान से लगने वाले अरब सागर में कोस्टगार्ड के साथ एक खास लाइव निगरानी ऑपेरशन को देखा. इस लाइव ऑपरेशन के दौरान कोस्ट गार्ड ने मछुआरों की कई संदिग्ध बोट और तस्करों से छानबीन की.

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तटीय इलाकों से घुसपैठ का खतरा बरकरार
मुंबई पर आतंकी हमले के लिए इस्तेमाल कुबेर जैसी फिशिंग बोट का खतरा आज भी बरकरार है. हाल में गुजरात के कच्छ के सर क्रीक इलाके में बीएसएफ ने एक पाकिस्तानी बोट को पकड़ा था. जबकि भुज में 2 संदिग्ध आईएसआई एजेंटों को गिरफ्तार किया. इन सब के बीच गुजरात की समुद्री सरहद पर खतरा लगातार मंडरा रहा है.

24 घंटे रखी जा रही है निगरानी
आजतक पर एक्सक्लूसिव कोस्ट गार्ड के ऑपरेशन हाई अलर्ट में तीन शिप, 2 हाई स्पीड इंटरशेप्ट बोट, कमांडो से लैस दो जैमिनी बोट, एक होबरक्राफ्ट, एक हैलिकॉप्टर और एक डोर्नियर शामिल हैं.

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बढ़ा खतरा
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में मौजूद दहशतगर्द भारत में दिवाली के मौके पर आतंक का अंधेरा फैलाने की फिराक में हैं. ऐसे में तीनों सेनाएं, कोस्ट गार्ड और तमाम सुरक्षा बल ऑपरेशनल रेडिनेस मोड पर हैं. कोस्ट गार्ड ने गुजरात में पाकिस्तान से लगने वाली समुद्री सरहद पर ऑपरेशन हाई अलर्ट लांच किया है. हम गुजरात के भुज इलाके में पाकिस्तान से लगने वाली समुद्री सरहद पर कोस्ट गार्ड के ऑपरेशन हाई अलर्ट का हिस्सा बने. यहां से पाकिस्तान से लगने वाली इंटरनेशनल मैरीटाइम बाउंड्री लाइन करीब 80 किलोमीटर पर मौजूद है. मुम्बई पर 26/11 के आतंकी हमले के बाद समुद्री सरहद पर सुरक्षा को काफी मजबूत बनाया गया है लेकिन मौजूदा वक्त में सावधानी हटी दुर्घटना घटी के हालात हमेशा बने हुए हैं.

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नौसेना और कोस्ट गार्ड के बीच बढ़ा तालमेल
7,500 किलोमीटर में फैले देश के समुद्री तट में 24 किलोमीटर से लेकर 200 तक निगरानी की जिम्मेदारी कोस्ट गार्ड की है. 400 किलोमीटर तक निगरानी की जिम्मेदारी नेवी के पास है. 26/11 के हमले के बाद नौसेना और कोस्ट गार्ड के बीच तालमेल बढ़ाया गया है. हम कोस्ट गार्ड की 28 मीटर लम्बी हाई स्पीड इंटरशेप्ट शिप सी- 401 पर सवार हो चुके थे. इस हाई स्पीड बोट की बात की जाए तो इसकी स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटा है. इस शिप में 5 अधिकारी समेत हथियारों से लैस 33 कोस्टगार्ड के जवान सवार हो सकते हैं. इसमें आधुनिक संचार प्रणाली लगी हुई है.

संदिग्ध बोट पर हमेशा नजर
जखाओ के समुद्र तट से करीब 20 किलोमीटर दूर कोस्ट गार्ड को मछुआरों की एक संदिग्ध बोट नजर आई. ख़ुफ़िया रिपोर्ट के आधार पर उस फिशिंग बोट को घेरने कि तैयारी शुरू हो गई. इस काम के लिए शिप पर मौजूद 2 हाई स्पीड जैमिनी बोट को समंदर में उतारा गया. ये काम काफी खतरों से भरा होता है. इस काम के लिए कोस्टगार्ड के 5 कमांडो की एक टीम इस ख़ास मिशन को अंजाम देती है. संदिग्ध फिशिंग बोट को चारों तरफ से घेरा गया. कोस्टगार्ड के दो शिप लगातार संदिग्ध फिशिंग बोट पर नजर बनाए हुए थे. लाउडस्पीकर से उन्हें बोट पर एक जगह इकट्ठा होने और अपनी पहचान बताने के लिए कहा जा रहा था. कुछ ही देर में कोस्ट गार्ड के कमांडो ने इस संदिग्ध बोट को अपने कब्जे में ले लिया. बोट की जांच शुरू हो गई. सभी लोगों को कब्जे में लेकर जांच की गयी. इस मामले में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जा सकती है.

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ली जा रही है तलाशी
काफी देर तक छानबीन के बाद पाया गया कि बोट में कुछ मछुवारों के पास आईकार्ड नहीं है लेकिन वे सभी स्थानीय थे इसलिए उन्हें कुछ आश्वासन के बाद छोड़ दिया गया. ऐसे ही हलात में किसी आतंकी के घुसपैठ की सबसे ज्यादा संभावना रहती है. मुम्बई पर 26/11 का हमला भी इसी तरह की मछुआरों की एक बोट कुबेर से हुआ था जो कराची से होते हुए गुजरात कोस्ट से मुंबई में दाखिल हुई थी. इस तरह करीब 2 घंटे में ये पहला निगरानी और खोजबीन अभियान पूरा हुआ. निगरानी मिशन में आगे बढ़ने पर कोस्ट गार्ड का अगला टारगेट एक बड़ा मर्चेंट शिप था. इसके लिए कोस्ट गार्ड के ऑपरेशन में एक और स्पीड इंटरशेप्ट शिप सी- 408 को शामिल किया गया. इसके साथ ही कोस्ट गार्ड के एक बड़े शिप मीराबेन को भी इस ऑपरेशन में शामिल किया गया. मीराबेन 50 मीटर लंबा बड़ा शिप है. ये कई दिनों तक समंदर में निगरानी कर सकता है. इसके बाद कोस्ट गार्ड शिप ने मर्चेंट शिप से संपर्क साधा और उसे अपनी पहचान बताने के लिए कहा. कोस्ट गार्ड शिप से मर्चेंट शिप से लाइव पूछताछ की गई.

फिशिंग बोट की भी हो रही तलाशी
मर्चेंट शिप से पूछताछ में किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि नजर नहीं आई. इसके बाद इस शिप को छोड़ दिया गया. लेकिन अभी ऑपरेशन हाई अलर्ट खत्म नहीं हुआ था. अचानक रेडियो सेट पर कमांडर को जानकारी मिली कि आईएमबीएल के नजदीक एक और संदिग्ध फिशिंग बोट मिली. तुरंत कोस्ट गार्ड ने ऑपरेशन लॉन्च कर दिया. एक बार फिर कोस्ट गार्ड ने अपने तीनों शिप, 2 हाई स्पीड इंटरशेप्ट बोट, कमांडो से लैस दो जैमिनी बोट, एक होबरक्राफ्ट, एक हैलिकॉप्टर, एक डोर्नियर को इस ऑपरेशन के लिए लगा दिया. एक बार फिर इस संदिग्ध बोट को घेरने का मिशन शुरू हो गया. इस बार हम भी कोस्ट गार्ड के कमांडो के साथ हाई स्पीड जैमिनी बोट पर सवार हो गए. संदिग्ध बोट के ऊपर हेलिकॉप्टर मंडराने लगा. जबकि जैमिनी बोट तेजी के साथ संदिग्ध बोट के आसपास चक्कर काटने लगी. अचानक कोस्ट गार्ड के कमाण्डो ने बोट पर धावा बोला और उसे अपने कब्जे में ले लिया. सभी मछुआरों के हाथ ऊपर करके खड़ा कर दिया गया. इसके साथ ही उनके सामान की छानबीन शुरू हुई.

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चौबीसों घंटे चौकन्ने हैं जवान
कोस्ट गार्ड के स्टेशन कमांडर कमांडेंट गजराज सिंह ने बताया कि तमाम तैयारियों के बावजूद समंदर में सावधानी हटी दुर्घटना घटी के हालात बने रहते हैं. इसीलिए न सिर्फ हाई स्पीड इंटरशेप्ट शिप बल्कि चेतक हैलिकॉप्टर से भी संदिग्ध बोट की निगरानी की जाती है. ऑपरेशन हाई अलर्ट के दौरान समुद्री सीमा पर लाइव नजर रखने के लिए कोस्ट गार्ड का एक हेलिकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान लगातार आसमान में चक्कर लगा रहे हैं. अब हम गुजरात की समुद्री सरहद पर कोस्ट गार्ड के एक ख़ास ऑपरेशन से रूबरू कराते हैं. भुज इलाके में समुद्र के किनारे ऐसे कई द्वीप हैं जहां पर शिप और बोट से जाना संभव नहीं है ऐसे इलाके के लिए कोस्ट गार्ड ने एक ख़ास जहाज होवरक्राफ्ट तैनात किया है. होवरक्राफ्ट की रफ़्तार 50 नॉटिकल माइल प्रतिघंटा है. 21 मीटर लंबाई वाले इस होवर क्राफ्ट में एक कमांडेंट, दो अधिकारी व 11 जवान तैनात होते हैं. होवरक्राफ्ट दिन के उजाले में ऑपरेशन के लिए जितना कारगर होगा, उतनी ही तत्परता से रात के अंधेरे में भी ऑपरेशन चलाया जा सकेगा. यह कम पानी में जमीन में हर जगह ऑपरेशन में सक्षम है.

कोस्टगार्ड के कमांडो मुस्तैद
कोस्ट गार्ड के स्टेशन कमांडर को खुफिया जानकारी मिली कि जखाओ में पास एक टापू पर कुछ संदिग्ध तस्कर मौजूद हैं ऐसे में तुरन्त इस ऑपरेशन को लॉच किया गया. होवरक्राफ्ट में कोस्ट गार्ड के 6 कमांडो की टीम को तैनात किया गया. इसके बाद होवरक्राफ्ट ने अपना मिशन शुरू किया. होवरक्राफ्ट तेजी के साथ समंदर में स्पीड पकड़ने लगा. इसके बाद समंदर से किनारे की तरफ आने लगा. इसके साथ ही होवरक्राफ्ट जमीन भी तेजी से आगे बढ़ने लगा. कुछ देर बाद होवरक्राफ्ट के दरवाजे खुले और कोस्टगार्ड के 6 कमांडो तेजी से दौड़ने लगे. कुछ की देर में आधुनिक हथियारों से लैस इन कमांडो ने रेत को और आसपास की झाड़ियों को पार करते हुए 4 तस्करों को पकड़ लिया. अस्सिस्टेंट कमांडेंट गौरव वर्मा बताया कि उनके पास शराब की बोतलें बरामद हुई. हालांकि उनके पास से कोई नशीले पदार्थ तो नहीं मिले. छानबीन और कड़ी पूछताछ से पता चला कि ये पास की बस्ती के छोटेमोटे तस्कर है. इस तरह से आज का मिशन तो खत्म हुआ लेकिन समुद्री सरहद पर ऑपरेशन हाई अलर्ट दिनरात चल रहा है.

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