Advertisement

भारतीय नौसेना के पास फंड नहीं, निजी शिपयार्ड पर रखा जाएगा आईएनएस विक्रांत

भारत की योजना है कि उनके पास हमेशा दो एयरक्राफ्ट कैरियर तैयार रहे, जिससे कि पश्चिमी और पूर्वी समुद्री तटों पर निगरानी रखी जा सके. स्टैंडिंग कमिटी में रक्षा बजट में नौसेना के घटते हिस्से पर भी चर्चा की गई है.

नौसेना के पास फंड की कमी (फाइल फोटो) नौसेना के पास फंड की कमी (फाइल फोटो)
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 1:36 AM IST

  • भारतीय नौसेना को रही है फंड की कमी
  • निजी शिपयार्ड पर रखा जाएगा विमान वाहक पोत

भारतीय नौसेना फंड की कमी से जूझ रहा है. इस वजह से भारत के पहले विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को चेन्नई में निजी शिपयार्ड पर रखना होगा. दरअसल में आईएनएस विक्रांत को पहले विशाखापतनम बेस पर रखना तय किया गया था लेकिन फंड की कमी होने की वजह से यह अब तक तैयार नहीं हो पाया है.

Advertisement

नौसेना को लेना पड़ रहा निजी शिपयार्ड का सहारा

भारतीय नौसेना के वाइस चीफ ने रक्षा मामलों की स्टैंडिंग कमिटी से कहा है, 'रक्षा मंत्रालय से हमने कट्टूपल्ली L&T शिपयार्ड के बारे में बात की है, वहां पर 260 मीटर बर्थ लीज पर लेना है जिसपर अगले आठ सालों (2022-2030) के लिए विमान वाहक पोत आईएनएस रखा जाएगा. इसके लिए हर साल 30.48 करोड़ रुपये किराया देना पड़ेगा. इसके अलावा नौसेना को 48 करोड़ रुपये भी लार्सन एंड टूब्रो के पास जमा करना होगा, हालांकि ये 48 करोड़ रुपये वापस लिए जा सकेंगे. हमें रक्षा मंत्रालय से हरी झंडी का इंतजार है.'

पढ़ें- कोरोना को लेकर हैं ये 14 धारणाएं, WHO ने बताई सच्चाई

नये बेस के निर्माण में देरी

इस वारशिप को नये पनडूब्बी पर तैनात किया जाना था, जबकि आईएनएस वर्षा नाम के वारशिप को विशाखापत्तनम में तैनात किया जाना था, लेकिन नये बेस की निर्माण प्रक्रिया में देरी की वजह से इन वारशिप को निजी शिपयार्ड पर तैनात किया जा रहा है.

Advertisement

भारत को कम से कम दो विमान वाहक पोत की जरूरत

भारत की योजना है कि उनके पास हमेशा दो एयरक्राफ्ट कैरियर तैयार रहे, जिससे कि पश्चिमी और पूर्वी समुद्री तटों पर निगरानी रखी जा सके. स्टैंडिंग कमिटी में रक्षा बजट में नौसेना के घटते हिस्से पर भी चर्चा की गई है. इसमें बताया गया है कि नौसेना की ताकत इस बात पर निर्भर करती है कि उनके पास प्लेटफॉर्म कैसे हैं- जैसे कि एयरक्राफ्ट कैरियर, सबमेरीन, डिस्ट्रॉयर्स और युद्ध-पोत. हाल के दिनों में नौसेना के बजट में कमी की गई है.

पढ़ें- कोरोना से निपटने की तैयारी, देश भर में 57 सेंटर पर दे सकते हैं सैंपल, देखें लिस्ट

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'हमने मंत्रालय के सामने प्रस्ताव रखा है कि आने वाले सालों में जब वो नौसेना के लिए बजट तय करें तो उसमें कोई कटौती ना करें.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement