क्या लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंसानों के विकास को नजरअंदाज कर बंदरों के विकास का दावा कर रहे हैं? सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिए यही दावा किया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी अब आम जनता को छोड़कर बंदरों के विकास पर ध्यान दे रहे हैं.
वीडियो में मोदी एक भाषण में गुजरात के बंदरों के विकास पर बात करते हुए सुनाई दे रहे हैं. वीडियो में मोदी बोल रहे हैं, 'जब से भारत सरकार में हमें काम करने का अवसर मिला है, हमने गुजरात के बंदरों के विकास पर भी उतना ही ध्यान दिया और जिसके कारण हम बंदरों का विकास करना चाहते हैं, लेकिन हम बंदर आधारित विकास भी करना चाहते हैं, हम वो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना चाहते हैं कि जो बंदरों को रोड से जोड़े, रेल से जोड़े, हवाई पटरी से जोड़े.'
इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर लोग मोदी की खूब चुटकी ले रहे हैं. ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व सांसद नाना पटोले ने इस वीडियो को ट्वीट कर लिखा है कि मोदी को बंदर और बंदरगाह में फर्क नहीं पता.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी जांच में पाया कि दरअसल पीएम मोदी ने 'बंदर' शब्द का उपयोग 'बंदरगाह' के संदर्भ में किया था. आम बोल चाल की भाषा में 'बंदरगाह' को 'बंदर' भी बोला जाता है. पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी सहित कई लोगों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. स्वाति के ट्वीट पर कई लोगों ने कमेंट किया है कि 'बंदरगाह' को 'बंदर' भी बोलते हैं.
वीडियो के साथ छेड़छाड़ भी की गई है. वीडियो के साथ इस तरह से काटछांट की गई है जिससे देखने में लगे कि मोदी जानवर 'बंदर' की बात कर रहे हैं.
यह वीडियो अक्टूबर 2017 में मोदी के गुजरात के द्वारका में हुए एक भाषण का है. उस समय मोदी कुछ विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने द्वारका गए हुए थे. इसी भाषण के वीडियो के कुछ हिस्से उठाकर वायरल वीडियो को बनाया गया है. असली वीडियो में मोदी एक जगह 'बंदर आधारित विकास' को अंग्रेजी में 'Port Led Development' कहते हुए भी सुनाई दे रहे हैं जिसे जानबूझकर वायरल वीडियो से हटा दिया गया है. अगर मोदी के इस भाषण को सुना जाए तो ये बात साफ हो रही है कि वो बंदरगाह के संदर्भ में 'बंदर' शब्द का उपयोग कर रहे हैं. असली वीडियो यहां देखा जा सकता है.