असम और बिहार में आई बाढ़ के कारण वहां के लोग तमाम परेशानियों का सामना कर रहे हैं. रोजाना कई ऐसी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं, जिनमें लोगों को प्रकृति के कहर से जूझते हुए देखा जा सकता है.
बिहार की बाढ़ को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में कुछ लोग पानी में आधी डूब चुकी एक झोपड़ी की छत पर बैठे दिख रहे हैं, जिनमें कुछ छोटे बच्चे भी हैं. दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर बिहार की है. दरअसल, बिहार में इस साल चुनाव होने की संभावना है. चुनाव के मद्देनजर तस्वीर के साथ तंज कसते हुए कहा जा रहा है कि 'बिहार विकसित हो गया है' और 'नीतीश कुमार को एक बार फिर' सत्ता में वापसी करनी चाहिए.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये तस्वीर कई साल पुरानी है और बांग्लादेश की है.
बिहार में आई बाढ़ की आड़ में इस तस्वीर को खूब शेयर किया जा रहा है. तस्वीर के साथ दिए कैप्शन में लिखा है, "स्मार्ट सिटी के खूबसूरत तस्वीर विकसित बिहार एक बार फिर नीतीश कुमार". वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें पता चला कि ये तस्वीर बांग्लादेश की है. ये तस्वीर हमें ग्लोबल सिटीजन नाम की एक वेबसाइट के एक लेख में मिली. ये लेख अलग-अलग देशों में पानी की वजह से आने वाली आपदाओं के बारे में था. इस लेख में वायरल तस्वीर को बांग्लादेश का बताया गया था और फोटो क्रेडिट ‘Practical Action’ नाम की संस्था को दिया गया था.
इस लेख के जरिये हम ‘Practical Action’ के Flicker अकाउंट पर पहुंचे. यहां पर वायरल तस्वीर मौजूद थी और इसे बांग्लादेश की बाढ़ का बताया गया था.
‘Practical Action’ यूनाइटेड किंगडम की एक चैरिटी संस्था है जो लैटिन अमेरिका, ईस्ट अफ्रीका, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण एशिया में विकास से जुड़े कार्यो में सहयोग करती है. खोजने पर हमें वायरल तस्वीर ‘Practical Action’ पर मौजूद एक पीडीएफ में भी मिल गई. यहां पर भी तस्वीर को बांग्लादेश का बताया गया है.
कई और भी वेबसाइट्स पर ये तस्वीर बांग्लादेश के नाम से सालों से मौजूद है. Weadapt नाम की एक संस्था की मानें तो ये तस्वीर कम से कम 11 साल पुरानी है. ज्यादातर वेबसाइट्स पर फोटो क्रेडिट 'Practical Action' को ही दिया गया है.
यहां पर इस बात की पुष्टि होती कि ये तस्वीर बिहार की नहीं, बल्कि बांग्लादेश की है. हालांकि, बिहार में भी बाढ़ के चलते हालात बहुत खराब हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार के 11 जिलों में बाढ़ से लगभग 15 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जिनमें से 10 लोगों की मौत हो चुकी है.