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क्या है फैजाबाद से अयोध्या बने शहर के बनने-बिगड़ने की कहानी?

नवाब सआदत खान ने फैजाबाद की नींव रखी, इनके उत्तराधिकारी शुजाउद्दौला ने इसे अवध की राजधानी बनाया. 1775 में असफउद्दौला ने अवध की राजधानी फैजाबाद से बदलकर लखनऊ कर ली.

फैजाबाद रेलवे स्टेशन [फोटो-यूट्यूब] फैजाबाद रेलवे स्टेशन [फोटो-यूट्यूब]
अमित राय
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने छोटी दिवाली पर फैजाबाद का नाम अयोध्या करके इस शहर को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है. हिंदू संतों का तर्क हुआ करता था कि जहां राम का जन्म हुआ उस नगरी का नाम भी अगर हम नहीं बदल सके तो हमें धिक्कार है. संत समाज योगी से जो बड़ी अपेक्षा कर रहा था वह भले ही पूरी न हुई हो, लेकिन उनकी एक मांग तो पूरी हो ही गई है. फैजाबाद से कई बार सांसद रह चुके विनय कटियार भी फैजाबाद का नाम अयोध्या करने की मांग कई बार कर चुके थे. किसने रखा फैजाबाद का नाम, क्यों प्रसिद्ध हुआ यह शहर, कब था इसका स्वर्णकाल आइए जानते हैं.

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अयोध्या किसी जमाने में कौसल राज्य की राजधानी थी. महाकाव्य रामायण के अनुसार राम का जन्म यहीं हुआ था. संतों का कहना है कि धर्म की पुरानी किताबों में भी इस शहर का नाम अयोध्या ही मिलता है और इस तथ्य को कोई नकार नहीं सकता. लेकिन फैजाबाद एक ऐसा शहर रहा है, जो बनता बिगड़ता रहा है, कभी इसने अपना चरमोत्कर्ष देखा है तो कभी उपेक्षाएं भी झेली हैं.   

सरयू का किनारा और लखनऊ से इसकी नजदीकी इसे हमेशा खास बनाती रही है. राम मंदिर आंदोलन ने फैजाबाद को पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया. इस शहर की नींव उस समय रखी गई थी जब नवाबों का शासन उभार पर था. इस शहर की स्थापना बंगाल के नवाब अलीवर्दी खान ने की, लेकिन फैजाबाद की नींव दूसरे नवाब सआदत खान ने रखी. उनके उत्तराधिकारी सुजाउद्दौला ने फैजाबाद को अवध की राजधानी बनाया.  छोटी सी बस्ती से बढ़ते- बढ़ते यह आज यह यूपी के बड़े शहरों में शामिल है. 

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सैन्य मुख्यालय बना

नवाब सफदरजंग ने 1739-54 में इसे अपना सैन्य मुख्यालय बनाया. इसके बाद आए शुजाउद्दौला ने फैजाबाद में किले का निर्माण कराया. यह वह दौर था जब यह शहर अपनी बुलंदियों पर था. लखनऊ से इसकी दूरी सिर्फ 130 किमी थी, लेकिन इसे छोटा कोलकाता कहा जाता था क्योंकि नवाब उधर से होते हुए आए थे और अपनी तहजीब और रंग ढंग भी लेते आए थे.

नवाब शुजाउद्दौला के समय चरमोत्कर्ष पर 

शुजाउद्दौला का समय एक तरह से फैजाबाद के लिए स्वर्णकाल कहा जा सकता है. उस दौरान फैजाबाद ने जो समृद्धि हासिल की वैसी दोबारा नहीं कर सका. उस दौर में यहां कई इमारतों का निर्माण हुआ जिनकी निशानियां आज भी मौजूद हैं. शुजाउद्दौला की पत्नी बहू बेगम मोती महल में रहती थीं जहां से पूरे फैजाबाद का नजारा दिखाई देता था. 1775 में नवाब असफउद्दौला ने अपनी राजधानी फैजाबाद से बदलकर लखनऊ कर ली, इसके बाद यह अपनी रंगत खोने लगा.

राम मंदिर आंदोलन ने दिलाई विश्व में पहचान

राम मंदिर आंदोलन ने अयोध्या को विश्व के पटल पर ला दिया. एक समय ऐसा भी आय़ा अयोध्या के आगे फैजाबाद का नाम सीमित हो गया. दूसरे प्रदेश के लोगों को बताना पड़ता था कि अयोध्या फैजाबाद जिले में है. सरकार किसी की भी रही हो अयोध्या के विकास पर बहुत ज्यादा ध्यान किसी ने नहीं दिया. लोगों का कहना है कि भव्य राम मंदिर की बात तो हमेशा की जाती रही लेकिन अयोध्या की भव्यता पर कभी विचार नहीं किया गया.

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