
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित तौर पर गलत सूचना देने को लेकर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ दायर शिकायत को रद्द कर दिया है. ये स्मृति ईरानी के लिए बड़ी राहत है क्योंकि उनकी शिक्षा को लेकर चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे पर कई बार सवाल उठाए गए थे.
कोर्ट ने शिकायतकर्ता की मंशा पर उठाए सवाल
कोर्ट ने इस मामले में स्मृति ईरानी को समन भेजने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा, 'पहली बात ये कि असली दस्तावेज समय के साथ खो गए हैं और उपलब्ध दस्तावेज मंत्री को समन भेजने के लिए काफी नहीं हैं.' कोर्ट ने इसमें शिकायतकर्ता की मंशा पर सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि इस मामले की शिकायत करने में 11 साल लग गए यानी जाहिर है कि मंत्री को परेशान करने की मंशा से शिकायत की गई.
स्मृति पर शिक्षा को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप
स्मृति ईरानी पर ये आरोप लगाकर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि अपने अब तक के तीन चुनावी हलफनामों में उन्होंने अपनी शिक्षा को लेकर अलग-अलग जानकारियां दी है. उनके खिलाफ यह शिकायत कोर्ट में फ्रीलांसर राइटर अहमर खान ने दायर की थी. खान का आरोप है कि स्मृति ने अलग-अलग जगह अपने शैक्षणिक ब्योरे अलग-अलग दिए. पिछले दो चुनाव में चुनाव आयोग को दिए गए शिक्षा को लेकर दिए हलफनामे आपस में मेल नहीं खा रहे हैं. इनमें से एक शपथ पत्र में स्मृति ने खुद को बीकॉम बताया है तो दूसरे में बीए.
अलग-अलग समय पर दी जानकारियों में फर्क
स्मृति ने 2004 के लोकसभा चुनाव में दिए एफिडेविट में खुद को डीयू के स्कूल ऑफ कॉरेस्पांडेंस से 1996 बैच का बी.ए. ग्रैजुएट बताया था. इसके बाद 2011 में राज्यसभा में नोमिनेशन के लिए दिए गए एफिडेविट में उन्होंने खुद को डीयू के स्कूल ऑफ करेसपोंडेंस से बी.कॉम पार्ट-I किया बताया था. लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान अमेठी से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ते हुए दाखिल अपने तीसरे एफिडेविट में ईरानी ने बताया कि डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से बी. कॉम पार्ट-I किया था.