
20 हजार करोड़ के फर्जी स्टांप पेपर घोटाले के दोषी अब्दुल करीम तेलगी की मौत हो गई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक तेलगी के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके चलते उसकी बंगलुरु में मौत हो गई. उसको मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित होने के चलते चार दिन पहले ही बंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां उसे वेंटिलेटर में रखा गया था.
इससे पहले बंगलुरु के विक्टोरिया हॉस्पिटल के मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक अब्दुल करीम तेलगी के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा था. इसमें कहा गया कि बुधवार से ही उसकी हालत में कोई सुधार नहीं दिखा. उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई थी.
वहीं, बृहस्पतिवार सुबह तेलगी के वकील एमटी नानैया ने कहा था कि वह जिंदा हैं, लेकिन उनकी हालत गंभीर है . उसे विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वह आईसीयू में हैं और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है. वह मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित हैं.’’ उन्होंने बताया कि तेलगी को चार दिन पहले अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
वकील ने लगाया देरी से भर्ती कराने का आरोप
तेलगी के वकील ने आरोप लगाया, ‘‘उसे थोड़ा और जल्दी भर्ती करवाया जाना चाहिए था . इसमें देरी हुई.’’ मालूम हो कि तेलगी को नवंबर 2001 में अजमेर से गिरफ्तार किया गया था. वह बीते 20 वर्षों से मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित था. उसे एड्स समेत कई रोग थे.
20 हजार करोड़ के स्टाम्प घोटाले का है दोषी
20 हजार करोड़ रुपये के फर्जी स्टांप पेपर घोटाले में उसे 30 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी. वह बेंगलुरू के पाराप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था. उस पर 202 करोड़ रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
...जब विवादों में घिरा तेलगी
हाल में तेलगी तब विवादों में घिरा था जब पूर्व डीआईजी (कारावास) डी रूपा ने आरोप लगाया था कि जेल प्रशासन जेल में उसे सुविधाएं देता था. तेलगी को कोर्ट ने स्टांप पेपर घोटाला के मामले में 2007 से 30 साल तक सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी.