
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के विवादित मसलों को बातचीत से हल किए जाने की पैरवी की है. ‘आजतक’ से बातचीत में उन्होंने करतापुर कॉरिडोर को खोले जाने का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है. हिंदुस्तान और पाकिस्तान को इसी तरह से बाकी मसलों पर भी बातचीत से हल निकालना चाहिए.
‘कश्मीरी पंडित वापस आएं, हमारे साथ रहें’
कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि कश्मीरी पंडितों को अलग बसाने से काम नहीं चलेगा. ऐसे तो वे लोगों से अलग हो जाएंगे. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि कश्मीरी पंडित वापस आएं और अपने घरों में रहें. हमारे साथ रहें, क्योंकि पहले भी वो हमारे साथ रहे हैं. बातचीत के दौरान उन्होंने बेबाकी से कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर अपनी राय रखी.
‘नेताओं को और ज्यादा सुरक्षा दे केंद्र सरकार’
रविवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता पर हुए गोलीकांड पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के मेंबर पर गोली चलाने की कोशिश हुई. इस फायरिंग में उनके पुलिस सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई थी. यह पहली बार नहीं है. आपने देखा होगा कि पुलवामा में भी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता पर गोली चली थी लेकिन गोली उन्हें लगने के बजाय उनके पिता को लगी थी. केंद्र सरकार को हमारे नेताओं को और ज्यादा सुरक्षा देनी चाहिए.
बता दें कि 14 जुलाई को अनंतनाग जिले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता सैयद तौकीर अहमद की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी रियाज अहमद की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
J&K के हालात पर केंद्र पर साधा निशाना
जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने सवाल किया कि अगर यहां स्थिति नियंत्रण में है तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के नताओं पर हमले क्यों हो रहे हैं? हमलावरों के पास बंदूकें कहां से आ रही हैं और कौन हैं ये लोग? उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी किसने किया, ये आजतक नहीं पता लगा पाए. ये दिखाता है कि ये क्या कर रहे हैं.
'नवजोत सिद्धू का इस्तीफा देना उनका मामला'
पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने पर कहा कि यह पंजाब सरकार का मामला है. उन्होंने कहा कि पंजाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना सिद्धू का अपना मामला है. बता दें कि सिद्धू ने रविवार को पंजाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. उनका लंबे समय से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मतभेद चल रहा था और हाल ही में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में उनका विभाग बदल दिया गया था.
गौरतलब है कि अभी हाल ही में फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर समस्या के राजनीतिक समाधान की आवश्यकता है और इस समाधान से सभी हितधारकों को संतुष्ट किया जाना चाहिए. उन्होंने ने कहा, ‘कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है, जिसके राजनीतिक समाधान की आवश्यकता है. कश्मीर समस्या के अंतिम समाधान को जम्मू, घाटी और लद्दाख क्षेत्र के लोगों को संतुष्ट करना होगा.’