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नए सेना प्रमुख की नियुक्ति पर बंटी कांग्रेस, माना- नुकसान दे सकता है विरोध

नए सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति के मामले में कांग्रेस पार्टी दो फाड़ हो गई है. जहां रविवार को खुलकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रावत की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे वहीं पार्टी के कई वरिष्ठ नेतागणों का कहना है कि सेना प्रमुख के पद पर रावत की नियुक्ति का विरोध पार्टी को राजनीतिक रूप से नुकसानदायक साबित होगा. हालांकि पार्टी ने जल्द ही ये भी साफ कर दिया कि वह मनीष तिवारी के बयान का समर्थन करती है.

ले. जनरल बिपिन रावत ले. जनरल बिपिन रावत
सबा नाज़/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

नए सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति के मामले में कांग्रेस पार्टी दो फाड़ हो गई है. जहां रविवार को खुलकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रावत की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे वहीं पार्टी के कई वरिष्ठ नेतागणों का कहना है कि सेना प्रमुख के पद पर रावत की नियुक्ति का विरोध पार्टी को राजनीतिक रूप से नुकसानदायक साबित होगा. हालांकि पार्टी ने जल्द ही ये भी साफ कर दिया कि वह मनीष तिवारी के बयान का समर्थन करती है.

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आपको बता दें कि कांग्रेस और वामदलों ने दो अधिकारियों को नजरअंदाज करके नए सेना प्रमुख की नियुक्ति किए जाने पर सवाल उठाए थे और कहा था कि सरकार द्वारा की गई हर नियुक्ति विवादित हो गई है. यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब सरकार ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को नजरअंदाज करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को नया सेना प्रमुख बनाया.

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने रविवार को कहा कि आर्मी चीफ की नियुक्ति में वरिष्ठता का ख्याल क्यों नहीं रखा गया? क्यों लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अली हरीज की जगह बिपिन रावत को प्राथमिकता दी गई. पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह के बाद सबसे वरिष्ठ है. दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरीज अगले सबसे वरिष्ठ हैं.

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