
श्रीनगर में गणतंत्र दिवस से ठीक पहले सुसाइड बॉम्बर की आशंका में हिरासत में ली गई युवती ने कहा है कि उसे कभी भी गिरफ्तार नहीं किया गया. सादिया अनवर शेख नाम की युवती ने सोमवार को आज तक से बातचीत में कहा कि वह नर्सिंग पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए घाटी गई थी.
सादिया ने कहा कि ताज्जुब की बात थी कि न्यूज़ पेपर में मेरा नाम, मेरी उम्र और मेरा पुणे का एड्रेस भी था. तब मैंने सोचा कि क्या करूं. मैंने घर फोन किया और पूछा तो मां बोली कि पुणे पुलिस घर आयी थी. पुलिस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करना चाहती है, ताकि उन्हें यकीन हो जाए कि सादिया सही सलामत है. इस पर मैंने टैक्सी ली और श्रीनगर की और निकल पड़ी. मैं काफी डिस्टर्ब थी. अवंतीपुरा पुलिस चेक पोस्ट पर मैंने गाड़ी से उतरकर बताया कि जो लड़की का नाम न्यूज़ पेपर में छपा है, वो मैं ही हूं.
कश्मीर पुलिस ने मुझसे बहुत अच्छे से बात की. उनका बर्ताव अच्छा था. मैं 25 जनवरी को पुणे पुलिस से वीडियो कॉल के जरिये बात करने वाली थी, लेकिन रात नौ बजे के करीब नेट बंद हो गया था तो मैं बात नहीं कर पाई. मैं किसी चीज में इन्वॉल्व नहीं थी.
सादिया ने बताया कि उसे कश्मीर अच्छा लगता है. वहां का मौसम अच्छा है. वहां के लोग अच्छे हैं. मुझे लगा कि मुझे जैसी यूनिवर्सिटी चाहिए वो वहां पर है तो मुझे लगा कि ये मेरा फंडामेंटल राइट है कि मैं इंडिया के किसी भी हिस्से में पढ़ सकती हूं. मीडिया ने मुझे सुसाइड बॉम्बर बताकर बहुत गलत किया. इससे मैं बहुत आहत हुई. पहले मुझे मेडिकल में पढ़ाई करना है. अगर मेरा विल पावर रहा तो मैं UPSC की पढ़ाई करुँगी.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक दिन पहले ही सादिया को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया. पुलिस ने दावा किया था कि सादिया (18) आईएसआईएस में शामिल होना चाहती है. जम्मू कश्मीर पुलिस ने 25 जनवरी को दक्षिण कश्मीर से शेख को हिरासत में लिया था. उससे गहन पूछताछ के दौरान पुलिस को कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला.
सादिया ने कहा कि मैं राज्य में एक नर्सिंग कोर्स में दाखिला लेने के लिए घाटी गई थी और मैं दक्षिण कश्मीर में एक मित्र के घर पर ठहरी थी. कुछ समाचार पत्रों द्वारा उसे आत्मघाती हमलावर के रूप में बताये जाने के बाद वह हैरान थी. इसके बाद उसने खुद ही पुलिस के पास जाने का निर्णय लिया था. उससे पुलिस के साथ-साथ विभिन्न एजेंसियों ने पूछताछ की।
उन्होंने कहा कि मैंने सभी सवालों के जवाब दिये और अंत में उन्हें मेरे खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला और उन्होंने मुझे रिहा कर दिया. कट्टरवाद के रास्ते पर जाने के बारे में पता चलने पर सादिया को वर्ष 2015 में महाराष्ट्र एटीएस की पुणे इकाई ने पूछताछ की थी. एटीएस का दावा था कि सादिया सीरिया की यात्रा करने की योजना बना रही थी.
सादिया ने बताया कि वह आईएसआईएस विचाराधारा से प्रभावित हो गई थी. मैं कुछ समूहों और लोगों के आनलाइन संपर्क में थी. इसी आधार पर एटीएस ने मुझसे पूछताछ की थी और कट्टरवाद से मुक्ति के लिए सत्र का आयोजन किया गया था. सादिया ने कहा कि कट्टरवाद से मुक्ति पाकर वह अपने जीवन में लौट आई है.