
वित्त मंत्री अरुण जेटली शनिवार से शुरू हो रहे दो दिन के ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. इसमें चीन, अमेरिका, रूस, ईरान और पाकिस्तान सहित 30 से अधिक देश भाग लेंगे. अस्वस्थ होने की वजह से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सम्मेलन में शरीक नहीं होंगी.
मुख्य सम्मेलन का उद्घाटन चार दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी संयुक्त रूप से करेंगे. अफगानिस्तान इसका स्थायी अध्यक्ष है जबकि भारत इस साल सह अध्यक्ष होने के नाते सम्मेलन का मेजबान है.
विदेश मंत्रालय में पीएआई (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान) विभाग की अध्यक्षता करने वाले गोपाल बागले ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की सह अध्यक्षता जेटली और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री करेंगे.
सुषमा स्वराज की किडनी खराब हो गई है और उनका इलाज चल रहा है. लिहाजा विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह सम्मेलन में शरीक नहीं होंगी. अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच सुरक्षा, राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लक्ष्य से यह मंच तैयार किया गया है.