
जम्मू कश्मीर के गांदरबल में सैन्य कर्मियों ने जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों की पिटाई की है. साथ ही पुलिस रिकॉर्ड को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट इस घटनाक्रम पर सवाल उठाया है.
आर्मी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि सैन्यकर्मियों और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों के बीच हाथापाई का ये मामला 21 जुलाई का है. सुरक्षा बलों को गुंड पुलिस स्टेशन पर पुलिस कर्मियों ने रोका. आपसी कहासुनी में कुछ पुलिस वालों और सैन्यकर्मियों के बीच झड़प हो गई, जिसमें पुलिस कर्मियों को हल्की चोटें आईं. सीनियर आर्मी और पुलिस अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं.
मामले में 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. घायल पुलिस वालों में एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर हैं, जिन्हें सिर पर चोट आई है. शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि नाके पर सैन्य कर्मियों को रोकने के चलते ही पुलिस के साथ झड़प हुई है.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर सवाल किया कि पुलिस स्टेशन में आर्मी और जम्मू कश्मीर पुलिस कर्मियों के बीच मारपीट क्यों हुई? प्रशासन की ओर से इस पर तत्काल स्पष्टीकरण की जरूरत है.
चार गाड़ियों में सवार थे 30 जवान
दूसरी ओर जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि 21 और 22 जुलाई की रात 24 आरआर के 30 सैन्यकर्मी चार गाड़ियों में शहर में घूम रहे थे. सोनमर्ग में पोनी स्टैंड के नाके पर सैन्यकर्मियों को रोका गया, लेकिन ये लोग जबरदस्ती करने लगे.
पुलिस का कहना है कि जवान जिस गाड़ी में सफर कर रहे थे, वो अमरनाथ यात्रा से लौट रही थी. टाइमिंग और मौजूदा स्थितियों को देखते हुए यात्रियों को आगे जाने के लिए अनुमति देना संभव नहीं था.
नाका पार्टी के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर गुलाम रसूल ने गाड़ी को रोका और नियमों का हवाला दिया. इससे नाराज गाड़ी में सवार सैन्य कर्मी नीचे उतर आए और ड्यूटी ऑफिसर से मारपीट करने लगे. घटना में एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को चोट आई है.
कैप्टन शुक्ला की अगुवाई में 24 आरआर के जवानों ने गुंड पुलिस स्टेशन में घुसकर पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की. पुलिस रिकॉर्ड को तहस नहस कर दिया. मामले में एफआईआर नंबर 18/2017 U/S 147, 148, 307, 323, 332, 353, 427, 120-B RPC दर्ज की गई है.