
कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार के राज्य के लिए अलग झंडे की मांग पर मचे विवाद के बीच शशि थरूर ने रविवार को अपना पक्ष रखा. थरूर ने कहा कि राज्यों के अलग झंडे को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. देश के 29 राज्य अपना अलग झंडा रख सकते हैं और इसके लिए बिल्कुल स्पष्ट नियम हैं.
पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि राज्यों के लिए अलग झंडे के औचित्य बिल्कुल स्पष्ट हैं. एक झंडा एंटी नेशनल नहीं हो सकता , अगर वह राज्य की संस्कृति और जनता के बंधुत्व को दर्शाता हो. थरूर ने कहा कि इसके नियम कायदे बिल्कुल स्पष्ट होने चाहिए कि किसी भी मौके पर राज्य का झंडा देश के तिरंगे झंडे का विकल्प नहीं हो सकता. इसकी आकार छोटा होना चाहिए और जब दोनों झंडे एक साथ फहराए जा रहे हो, तो राज्य का झंडा तिरंगे की ऊंचाई से नीचे ही फहराएगा.
उन्होंने कहा कि अगर राज्य के झंडे को राष्ट्रीय झंडे के अधीन माना जाए, तो इसमें राजनीतिक या संवैधानिक रूप से कोई समस्या नहीं दिखती है. राज्य के लिए यह एक क्रिएटिव चीज हो सकती है कि वे अपने लोगों को झंडा डिजाइन करने के लिए आमंत्रित करें, जो राज्य के जादुई स्वरूप को दर्शाए.
तिरूवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कहा कि अमेरिका एक लोकतांत्रिक देश है और उसके 50 राज्यों के पास अपना अलग झंडा है. किसी को एंटी नेशनल नहीं माना जाता है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि राज्यों के अलग झंडे की मांग को लेकर हमें कोई विरोध जताना चाहिए.
थरूर ने कहा कि हम एक राष्ट्र हैं बावजूद इसके कि जम्मू कश्मीर के पास अपना अलग झंडा है.