Advertisement

कृषि कानूनों के विरोध पर शरद पवार बोले, पंजाब-हरियाणा के किसानों से कहा था गेहूं उत्पादन कम करें

महाराष्ट्र के बारामती में कृषि पर आयोजित एक कार्यक्रम में शरद पवार ने कहा कि जब मैं देश का कृषि मंत्री था तो मैंने पंजाब और हरियाणा के किसानों से कहा था कि वे गेहूं के उत्पादन को कम करें. पवार ने कहा कि मैंने वहां के किसानों को सलाह दी थी कि वे फलों के उत्पादन पर ध्यान दें और दूसरे खाद्यान्नों का उत्पादन शुरू करें.

NCP अध्यक्ष और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार (फोटो- पीटीआई) NCP अध्यक्ष और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार (फोटो- पीटीआई)
पंकज खेळकर
  • बारामती,
  • 19 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:39 AM IST
  • किसानों को गेहूं का उत्पादन कम करने की दी थी सलाह
  • 'खेद है कि पंजाब-हरियाणा के किसानों ने नहीं दिया ध्यान'
  • 'फल और वैकल्पिक फसलों के उत्पादन की दी थी सलाह'

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन आज भी जारी है. इस बीच एनसीपी सुप्रीमो और पूर्व कृषी मंत्री शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है. शरद पवार ने कहा है कि जब वे देश के कृषि मंत्री थे तो उन्होंने पंजाब और हरियाणा के किसानों से कहा था कि वे गेहूं के उत्पादन को कम करें और वैकल्पिक फसलों के उत्पादन पर ध्यान दें. 

Advertisement

शरद पवार ने कहा कि पंजाब और हरियाणा मे गेहूं और चावल के विशाल उत्पादन ने इसकी बिक्री को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. दिल्ली-एनसीआर में किसानों के आंदोलन का यही मुख्य कारण है. पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि गेहूं और चावल की कीमतों के मुद्दे आंदोलन हो रहा है. 

महाराष्ट्र के बारामती में कृषि पर आयोजित एक कार्यक्रम में शरद पवार ने कहा कि जब मैं देश का कृषि मंत्री था तो मैंने पंजाब और हरियाणा के किसानों से कहा था कि वे गेहूं के उत्पादन को कम करें. पवार ने कहा कि मैंने वहां के किसानों को सलाह दी थी कि वे फलों के उत्पादन पर ध्यान दें और दूसरे खाद्यान्नों का उत्पादन शुरू करें, पर किसानों ने मेरी बात नहीं मानी. शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस बात का खेद है कि किसानों ने उनकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया.

Advertisement

पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि अब चावल और गेहूं की कीमतें और इसकी बिक्री ही समस्या बन गई है और इसी की वजह से किसान आंदोलन भी कर रहे हैं. 

देखें: आजतक TV LIVE

कुछ ही दिन पहले शरद पवार ने किसानों का समर्थन करते हुए किसानों की मांगें न मानने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की थी. शरद पवार ने कहा था कि किसान इतनी सर्दी के बीच प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने 5 किलोमीटर रास्ते पर कब्जा कर लिया है, वे अपनी मांगों पर टिके हैं, किसी भी सरकार के लिए ये जरूरी था कि वो किसानों की भावनाओं को समझती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसलिए इसका कोई न कोई तो असर होगा ही. 

बता दें कि नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर किसान लगभग दो महीने से दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement