
मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल आज यानी मंगलवार को फिर ईडी दफ्तर पहुंचे हैं. इससे पहले सोमवार को उनसे आठ घंटे तक पूछताछ हुई थी. एयर इंडिया में हुए कथित करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ की जा रही है. इस मामले में गिरफ्तार किए गए लॉबिस्ट दीपक तलवार ने जांच एजेंसी को कई सुबूत दिए थे.
प्रफुल्ल पटेल सोमवार सुबह करीब 11 बजे ईडी दफ्तर अपने वकील के साथ पहुंचे थे. उनसे मनी लॉड्रिंग के मामले में पूरे दिन पूछताछ चलती रही और उनका बयान दर्ज किया गया. ईडी ने दीपक तलवार के खिलाफ जो चार्जशीट पेश की थी.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि दीपक तलवार, प्रफुल्ल पटेल का काफी करीबी है और प्रफुल्ल के जरिये ही उसने एयर इंडिया के जो मुनाफे वाले रूट थे वो प्राइवेट एयरलाइन्स को दिलवाने में मदद की जिससे एयर इंडिया को काफी घाटा हुआ.
यह दूसरी बार है जब पटेल इस मामले में वित्तीय जांच एजेंसी ईडी के सामने पेश हुए. पटेल दक्षिण दिल्ली के खान मार्केट इलाके में ईडी मुख्यालय में पहुंचे. पूर्व मंत्री छह जून को ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे और पहले से तय कार्यक्रमों का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए अगली तारीख मांगी थी.
इस मामले में कथित तौर पर कॉर्पोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार शामिल हैं.
ईडी पहले ही एयर इंडिया के कई अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है और तत्कालीन नागरिक उड्डयन सचिव और अन्य लोगों के बयानों को दर्ज किया है, जो प्रक्रिया और समझौतों को अंतिम रूप देने में शामिल रहे हैं. एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के समय संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे पटेल ने किसी भी तरह का गलत काम से इनकार किया है.
तलवार को जनवरी में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत में प्रत्यर्पित किया गया था, जो अभी न्यायिक हिरासत में है. ईडी एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस विलय, बोइंग और एयरबस से 70,000 करोड़ रुपए में 111 विमानों की खरीद, निजी विमानों के लिए फायदा पहुंचाने वाले रूट को आवंटित करने और विदेशी निवेश से प्रशिक्षण संस्थानों को खोलने के मामले की जांच कर रहा है. ईडी यह भी जांच कर रहा है कि तलवार के खाते में आए पैसे को कैसे सरकारी कर्मचारियों को ट्रांसफर किया गया, जिसमें नागरिक उड्डयन के कर्मचारी भी शामिल हैं.