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इन बीमारियों से जूझ रहे हैं अटल, एम्स में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखे गए

डॉक्टरों के मुताबिक 65 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति को इस बीमारी के होने का खतरा अधिक रहता है. उम्र के साथ बीमारी और बढ़ती जाती है.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो: Getty Images) पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो: Getty Images)
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:15 AM IST

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी किडनी में संक्रमण, छाती में संकुलन और पेशाब कम होने के चलते 11 जून से दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं. एम्स के डॉयरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है. वाजपेयी एम्स के कॉर्डियो न्यूरो सेंटर में भर्ती हैं.

भारतीय जनता पार्टी के सबसे बुजुर्ग नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 2009 से व्हील चेयर पर है और डिमेंशिया (मनोभ्रांस) से पीड़ित हैं.

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दरअसल डिमेंशिया किसी खास बीमारी का नाम नहीं है बल्कि यह एक लक्षण है जो किसी अन्य रोग के कारण हो सकता है. डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति अपने दैनिक कार्य ठीक से नहीं कर पाते. इन व्यक्तियों की याददाश्त कमजोर हो जाती है. कभी-कभी वे यह भी भूल जाते हैं कि वे किस शहर में हैं, या कौन सा साल या महीना चल रहा है. बोलते हुए उन्हें सही शब्द नहीं सूझता. उनका व्यवहार बदला बदला सा लगता है और व्यक्तित्व में भी फर्क आ सकता है.

ज्यादातर डिमेंशिया के केस में 60 से 80 प्रतिशत केस अल्जाइमर के होते हैं. डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति के मूड में भी बार-बार बदलाव आता रहता है. डिमेंशिया के बढ़ने के साथ ही कुछ लोग ऐसा व्यवहार करने लगते हैं जो बिल्कुल ही अलग होता है जैसे एक ही प्रश्न को बार-बार पूछना, गुस्सा करना, जल्दी परेशान हो जाना आदि. यह लक्षण 65 वर्ष की आयु से अधिक वाले लोगों में ज्यादा सामान्य है.

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डिमेंशिया के मुख्य लक्षण:

नाम, जगह, तुरंत की गई बातचीत को याद रखने में परेशानी

अवसाद से पीड़ित होना

संवाद स्थापित करने/बात करने में दिक्कत होना

व्यवहार में बदलाव आना

कुछ निगलने में दिक्कत होना

चलने-फिरने में परेशानी होना

निर्णय लेने की क्षमता का प्रभावित होना

व्यवहार में बदलाव

चीजों को रखकर भूल जाना

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