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पूर्व रॉ प्रमुख बोले- घाटी में फिर लौट सकता है हिंसा का दौर

रमजान के मौके पर घाटी में सुरक्षाबलों द्वारा सीजफायर से असहमत पूर्व रॉ प्रमुख का कहना है कि, 'वो फैसला गलत था, आपको उन पर पहले काबू पाना होगा और जब आप काबू कर लेंगे या काबू करने के योग्य हो जाएंगे या उसके करीब पहुंच रहो हो तब आप बात करे.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
परमीता शर्मा/आशुतोष मिश्रा
  • जम्मू,
  • 21 जून 2018,
  • अपडेटेड 5:55 AM IST

जम्मू कश्मीर में बीजेपी द्वारा पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद उपजे हालातों पर सुरक्षा विशेषज्ञ भी नजर बनाए हुए हैं. भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद का मानना है कि इस पूरे घटनाक्रम के बाद घाटी में एक बार फिर हिंसा का दौर लौट सकता है. हालांकि उनका मानना है कि सुरक्षा एजेंसियां जल्दी ही उस पर काबू पा लेंगी.

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घाटी में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद 'आजतक' से बातचीत में पूर्व रॉ प्रमुख विक्रम सूद ने कहा कि घाटी में राज्यपाल शासन लगने के बाद फैसले लेने और उसपर अमल करने में आसानी होगी. उनका मानना है कि यह फैसला राजनीतिक है लेकिन घाटी की बिगड़ती स्थिति को देखकर उसमें कुछ ना कुछ एक्शन लेना जरूरी था. उन्होंने कहा कि बेहतर तो यही है कि राज्य सरकार ही स्थिति पर नियंत्रण करे, क्योंकि यही लोकतंत्र का ढांचा है लेकिन ऐसा नहीं होने पर तो केंद्र को हस्तक्षेप करना पड़ेगा जैसा अभी हुआ है, क्योंकि स्थिति काबू में नहीं आ रही थी.

'रमजान पर सीजफायर का फैसले गलत'

पूर्व रॉ प्रमुख का कहना है कि कश्मीर में जो कुछ भी हुआ उसके लिए किसी एक को दोष देना सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आतंकियों के साथ नरमी से बर्ताव नहीं होना चाहिए. रमजान के मौके पर घाटी में सुरक्षाबलों द्वारा सीजफायर से असहमत पूर्व रॉ प्रमुख का कहना है कि, 'वो फैसला गलत था, आपको उन पर पहले काबू पाना होगा और जब आप काबू कर लेंगे या काबू करने के योग्य हो जाएंगे या उसके करीब पहुंच रहे होंगे तब आप बात करें. पहले बात करेंगे तो उनकी मांगे और बढ़ती जाएंगी.'

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उनका कहना है कि कश्मीर में इस राजनीतिक बदलाव के बाद पाकिस्तान घाटी में हिंसा प्रायोजित करवा सकता है. कश्मीर मसले को बातचीत से सुलझाने के सवाल पर पूर्व रॉ प्रमुख विक्रम सूद का कहना है कि बातचीत से पहले हालात पर नियंत्रण जरूरी है और अगर आपको हिंसा पर नियंत्रण करना है तो आप कैसे करेंगे? हथियार छोड़ कर बैठने से शांति नहीं आएगी.

बता दें कि केंद्र सरकार ने रमजान के दौरान एकतरफा सीजफायर का ऐलान किया था. सरकार के इस फैसले के बाद भी आतंकी और पत्थरबाज अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आए. इस दौरान कई बार पत्थरबाजों ने सेना के जवानों पर हमला किया. वहीं सीमा पार से पाकिस्तान ने भी जमकर गोलीबारी की.

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