
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया. यूएन के 77वें वार्षिक सत्र में विदेश मंत्री ने पिछले 75 वर्षों में भारत के आर्थिक विकास की सराहना की. यहां उन्होंने कहा कि उपनिवेशवाद ने भारत को सबसे गरीब देशों में से एक बना दिया था, लेकिन आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
एस जयशंकर ने कहा, “18वीं शताब्दी में भारत ग्लोबल जीजीपी का लगभग एक चौथाई हिस्सा था. 20वीं सदी के मध्य तक, उपनिवेशवाद ने सुनिश्चित कर दिया कि हम सबसे गरीब देशों में से एक हैं, लेकिन आजादी के 75वें वर्ष में भारत गर्व से आपके सामने दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में खड़ा है.”
उन्होंने कहा, "हाल के दिनों में डिजिटल तकनीक ने खाद्य सुरक्षा जाल को सफलतापूर्वक उन्नत किया है. 300 अरब डॉलर से अधिक के लाभ डिजिटल रूप से वितरित किए गए हैं, 400 मिलियन से अधिक लोगों को नियमित रूप से भोजन मिलता दिया जाता और हमने 2 अरब से अधिक वैक्सीन लगाए हैं. भारत का 2047 तक एक विकसित देश बनने का लक्ष्य है."
'संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों पर पूरा भरोसा'
विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र और उसके चार्टर में भारत के विश्वास की बात कही और बताया, "भारत ग्रह के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमें संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों पर पूरा भरोसा है. हमारी नजर में आज दुनिया एक परिवार है. भारत का मानना है कि विकास सार्वजनिक हित है और आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका ओपन सोर्सिंग है. संयुक्त राष्ट्र वैश्विक ज्ञान को एकत्रित करके एसडीजी को आगे बढ़ाने में बड़ा मददगार साबित हो सकता है."
मालदीव के विदेश मंत्री ने की भारत की तारीफ
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुला शाहिद ने भारत-यूएन पार्टनरशिप को लेकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी पर भारत को बधाई. मैं मालदीव की तरफ से भारत को स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ और संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी पर गर्मजोशी से बधाई देता हूं. भारत ने आपदा राहत से लेकर महामारी से निपटने तक दुनिया की मदद की है. भारत ने आर्थिक विकास-सुधार से लेकर एंटी कोविड वैक्सीन को सभी तक पहुंचाने की चुनौतियों को भी गंभीरता से पार किया. भारत दुनिया की मदद करने में एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है. सबसे कठिन दिनों में भी भारत ने हमारे देश की मदद करने के लिए एक उल्लेखनीय प्रयास किया है.