
कश्मीर घाटी में चोटी काटने की बढ़ती घटनाओं पर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि ये सामान्य अपराध है और सेना के लिए यह कोई चुनौती नहीं है. दूसरे राज्यों में भी चोटी काटे जाने की घटनाएं सामने आई हैं. सेना प्रमुख ने कहा कि बॉर्डर के उस पार कोई ट्रेनिंग कैंप बंद नहीं हुआ है. कश्मीर में स्थिति धीरे-धीरे बदल रही है, केवल अलगाववादी ही परेशान हैं. इसके विरोध में शनिवार को कश्मीर बंद बुलाया गया है.
गौरतलब है कि घाटी में चोटीकटवा की दहशत ने खूंखार आतंकियों की भी टेंशन बढ़ा दी है. स्थानीय लोग किसी भी अनजान को चोटीकटवा समझकर उसकी धुनाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं, स्थानीय ग्रामीण रात में पहरा तक दे रहे हैं.
शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के ठोकरपुर पुलवामा में स्थानीय लोगों ने चोटीकटवा समझकर तीन आतंकियों की पिटाई कर डाली. इसके बाद आतंकियों ने भी कुछ लोगों के साथ मारपीट की, जिनमें तीन नागरिक घायल हो गए और आतंकी फरार हो गए.
घाटी में डेढ़ महीने से चोटीकटवा की दहशत
कश्मीर में पिछले डेढ़ महीने से चोटीकटवा की दहशत से अफरा-तफरी मची है. प्रशासन के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल हो रहा है. इस बीच किसी भी इलाके में किसी भी अनजान को देख कर लोग उसे चोटीकटवा समझ कर पीटने लगते हैं.
स्थानीय ग्रामीणों में चोटीकटवा को लेकर इतना ज्यादा खौफ है कि वे रात में भी पहरा दे रहे हैं. शुक्रवार को पहरा दे रहे ग्रामीणों ने आतंकियों को गलती से चोटीकटवा समझ लिया और उन पर हमला बोल दिया.
चोटी कटवा समझकर युवक को जलाने की कोशिश
इससे पहले शुक्रवार की सुबह बारामूला जिले के सोपोर कस्बे में कुछ उपद्रवी वसीम नामक एक युवा को चोटीकटवा बताकर जलाने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि पुलिस ने वक्त रहते उसे बेकाबू भीड़ से छुड़ा लिया.
अभी तक 12 पर्यटकों सहित 55 से भी ज्यादा लोग इसी तरह बेकाबू भीड़ के गुस्से का निशाना बन चुके हैं. कश्मीर के विभिन्न भागों में पिछले एक माह में चोटी कटने की 130 से अधिक घटनाएं हुई हैं, लेकिन पुलिस इस संबंध में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
चोटी कटवा का पता देने के लिए 6 लाख का इनाम
इन घटनाओं को अंजाम देने वालों को पकड़ने के लिए विशेष जांच दल गठित किए गए हैं. पुलिस ने चोटी काटने वाले का पता देने के लिए छह लाख रुपये की इनाम राशि का ऐलान भी कर रखा है, लेकिन उसके बावजूद अभी तक पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं आया है. पुलिस का कहना है कि लोग इन मामलों में पुलिस की सहायता नहीं कर रहे.