
सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण के बाद अब सरकार एक और बड़ा कदम उठाने वाली है. निजी संस्थानों में भी सामान्य, ओबीसी और एससीएसटी आरक्षण को लागू करने के लिए सरकार बजट सत्र में एक बिल ला सकती है. अगले सत्र यानी जुलाई 2019 से देश के सभी सरकारी, गैर सरकारी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में सामान्य वर्ग के 10 फीसदी का आरक्षण लागू किया जाएगा. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इसके लिए देश भर के हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी में करीब 25 फीसदी सीटें बढ़ाई जाएंगी.
निजी संस्थानों को भी लागू करना पड़ेगा आरक्षण
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, निजी शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण के लिए संसद के बजट सत्र में एक अलग बिल पेश किया जा सकता है. गौरतलब है कि निजी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का रास्ता खोलने के लिए करीब 12 साल पहले संविधान संशोधन किया गया था. लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इसे लागू करने के लिए ही संभवत: बजट सत्र में एक अलग बिल लाया जाएगा.
समाचार एजेंसियों के मुताबिक, जावड़ेकर ने पत्रकारों को बताया, 'आरक्षण को 2019-20 के एकेडमिक सेशन से ही लागू किया जाएगा. आरक्षण से एससी, एसटी और अन्य कैटेगरी का मौजूदा कोटा डिस्टर्ब न हो, इसके लिए करीब 25 फीसदी सीटें बढ़ाई जाएंगी. देश भर में करीब 40,000 कॉलेज और 900 यूनिवर्सिटी हैं और इन सबमें अतिरिक्त कोटा उपलब्ध किया जाएगा.' प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, एचआरडी मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के अधिकारियों की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कुल कितनी सीटें बढ़ाई जाएंगी.
उन्होंने कहा, 'एक हफ्ते के भीतर पूरा खाका तैयार हो जाएगा और हम वास्तविक आंकड़े बताए पाएंगे कि कितनी सीटें बढ़ाई जाएंगी. कोटा को कैसे लागू किया जाए, इसके लिए ऑपरेशन मैनुअल जल्दी ही जारी किया जाएगा. सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी को अपने प्रॉस्पेक्टस में कोटा का उल्लेख करना होगा और उसी के मुताबिक वे बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करेंगे.'
सामान्य वर्ग के आरक्षण के बारे में एचआरडी मिनिस्टर ने रविवार शाम (13 जनवरी 2019) को जयपुर में एक समारोह में कहा, 'यह आर्थिक न्याय और सामाजिक न्याय देने का एक क्रांतिकारी फैसला है.
कैसे मिला सामान्य वर्ग को आरक्षण
7 जनवरी 2019 को नरेंद्र मोदी ने साल की पहली कैबिनेट बैठक में इस 10% आरक्षण का ऐलान किया. इसी दिन देशभर की जनता को इस आरक्षण के बारे में बताया गया था. वहीं, अगले दिन यानी 8 जनवरी, 2019 को बीजेपी ने लोकसभा में संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया. संसद में 9 जनवरी को सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने के बिल को पारित कर दिया गया. यह कोटा एसएसीएसटी और ओबीसी को मिलने वाले मौजूदा 50 फीसदी कोटा के अलावा होगा. 12 जनवरी, 2019 को सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए लाए गए 10 प्रतिशत आरक्षण बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है.
इन शर्तों के आधार पर उठा सकते हैं 10% आरक्षण का लाभ-
1. कृषि भूमि 5 हेक्टेयर से कम हो.
2. मकान है तो 1000 स्क्वायर फीट से कम हो.
3. निगम में आवासीय प्लॉट है तो 109 गज से कम जमीन हो.
4. निगम से बाहर प्लॉट है तो 209 गज से कम जमीन हो.