
सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को आरक्षण संबंधी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा से पास होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में पेश किया गया, जहां इस पर लंबी चर्चा हुई. इस दौरान चर्चा के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल की टाइमिंग पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अगर आप समय से नहीं लाए और हम देरी से लाए तो हमने कम से कम यह हिम्मत तो दिखाई.
तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओब्रायन को संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि क्रिकेट में छक्का स्लॉग ओवर्स में ही लगता है और यह पहला नहीं है, अभी और भी छक्के लगेंगे.
रविशंकर प्रसाद ने सवाल उठाते हुए कहा, 'पहले कांग्रेस ने क्यों अगड़ी जातियों को आरक्षण नहीं दिया, अब हम दे रहे हैं तो आप सवाल उठा रहे हैं.' उन्होंने कहा कि यह संविधान के मौलिक अधिकार में परिवर्तन है और यह केंद्र ही नहीं बल्कि राज्य सरकार की नौकरी में भी लागू होता है.
विपक्षी दलों से रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर बिल का समर्थन करना है तो खुलकर कीजिए. आरक्षण के लिए संशोधन बिल लाने पर अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार में हिम्मत है कि वो गरीबों के हर वर्ग की चिंता करती है.
'लेकिन' पर दिया जवाब
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल पर बोलते हुए कहा कि सभी सदस्यों ने इस बिल का समर्थन किया है. लेकिन कुछ न कुछ 'लेकिन' लगा दिया है. प्रसाद ने कहा कि संविधान के बुनियाद ढांचे को नहीं बदला गया है. पचास फीसदी आरक्षण सीमा पर सफाई देते हुए रविशंकर प्रसाद ने बताया कि जातिगत आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी की सीमा तय की है, जबकि आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए कोई सीमा नहीं है.
उन्होंने आगे बताया कि हमारी सरकार ने जो आरक्षण दिया है, उसके लिए मौजूदा SC/ST और ओबीसी आरक्षण में किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है.