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'हर तरफ सिर्फ प्लास्टिक नजर आया' , गाजीपुर लैंडफिल का दौरा करने के बाद बोला जर्मन सांसदों का प्रतिनिधिमंडल

प्रदूषण से बिगड़ते हालात के बीच जर्मनी के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने गाजीपुर लैंडफिल का निरीक्षण भी किया. निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि वो जानते हैं कि यहां प्रदूषण है, इसलिए वे अपने साथ हर जगह मास्क लेकर यात्रा कर रहे हैं. सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उन्होंने दिल्ली में मेट्रो का भी सफर किया.

गाजीपुर लैंडफिल का निरीक्षण करते जर्मनी के सांसद. (फोटो- जर्मन एंबेसी) गाजीपुर लैंडफिल का निरीक्षण करते जर्मनी के सांसद. (फोटो- जर्मन एंबेसी)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:00 AM IST

सर्दी का मौसम आते ही देशभर के कई राज्यों में प्रदूषण से हालात बद्तर होने लगे हैं. राजधानी दिल्ली की स्थिति इसमें ज्यादा खतरनाक है. यहां जहरीले वायु प्रदूषण के कारण 8 नवंबर तक प्राइमरी स्कूल बंद करने का निर्णय लिया गया है. 

बढ़ते प्रदूषण के बीज जर्मनी की संसद के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल जलवायु परिवर्तन का समाधान खोजने के लिए दिल्ली समेत भारत के कई राज्यों के दौरे आया हुआ है. प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख हैलार्ड एबनेर (Halard Ebner) ने आजतक को बताया कि उन्होंने जहरीले प्रदूषण के बीच दिल्ली का दौरा किया.

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जर्मन सांसदों ने दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में आने वाले गाजीपुर लैंडफिल का भी निरीक्षण किया. दौरे के बाद उन्होंने बताया कि गाजीपुर लैंडफिल में उन्हें हर जगह प्लास्टिक ही प्लास्टिक नजर आया. दिल्ली के जहरीले वायु प्रदूषण पर जर्मन सासंद ने कहा कि वो जानते हैं कि यहां प्रदूषण है, इसलिए वे अपने साथ हर जगह मास्क लेकर यात्रा कर रहे हैं. सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उन्होंने दिल्ली में मेट्रो का भी सफर किया.

नोएडा में भी बंद हुए स्‍कूल

बढ़ते प्रदूषण के चलते गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में 08 नवंबर तक के लिए कक्षा 1 से 8 तक के लिए स्‍कूल बंद कर दिया गया है. इसके अलावा सीनियर क्‍लासेज़ के लिए भी स्‍कूलों को ऑनलाइन क्‍लास आयोजित करने का सुझाव दिया गया है और सभी आउटडोर गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है.

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प्रदूषण राज्‍य की नहीं पूरे नॉर्थ इंडिया की समस्‍या

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के मसले पर एक दिन पहले ही कहा था कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए केंद्र को भी आगे बढ़ना होगा. मुख्यमंत्रियों की संयुक्त बैठक, विशेषज्ञों से विचार-विमर्श जरूरी है. राजस्थान के भिवाड़ी में, AQI गंभीर है. बिहार के मोतिहारी में हवा की गुणवत्ता खराब है. राजस्थान और बिहार में खराब वायु गुणवत्ता के लिए पंजाब को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. यह संपूर्ण उत्तर भारत की समस्या है.

कठोर कदम उठाने की तैयारी

सीएम केजरीवाल ने कहा था कि अगले साल तक पराली जलना कम होगा, हम किसानों के साथ मिलकर कठोर कदम उठाएंगे. पंजाब में हमारी सरकार को महज 6 माह हुए हैं. हमें थोड़ा समय दीजिए. भगवंत मान की सरकार ने पहले ही कई कदम उठाए हैं. इनमें कुछ का असर हुआ, कुछ का नहीं हुआ.

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