
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर के हालात पर दो टूक टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि 50 दिन होने को हैं. कर्फ्यू अब 24 घंटे लागू है. घाटी में पेट्रोल पहुंच नहीं रहा और कश्मीर में परेशानियां आमजन की कमर तोड़ रही हैं. यही नहीं, उन्होंने कहा कि अगर हालात काबू नहीं किए गए तो 1947 के बंटवारे जैसे हालात हो सकते हैं.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि केंद्र सरकार मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रही. प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर पर कैबिनेट की बैठक नहीं बुलाते, शांति की अपील नहीं करते. यही हालात रहें तो 1947 के बंटवारे का नजारा हो सकता है. उन्होंने आगे कहा, '47 में बंटवारे की राजनीति हुई थी. बहुत लोग मरे थे. बेघर हुए थे. बर्बादी का आलम दिल दुखाने वाला नहीं भूकंप जैसा था. आज के दौर में जिस तरह से बांटने की राजनीति हो रही है, अगर उस पर काबू नहीं पाया गया तो हालात सन 1947 की त्रासदी जैसे हो सकते हैं.'
गृह मंत्री के ट्वीट पर ली चुटकी
तेलंगाना के युवाओं द्वारा लगाई गई एक प्रदर्शनी में पहुंचे आजाद ने गृह मंत्री के ट्वीट पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री कश्मीर गए हैं. वह ट्वीट करते हैं कि नेहरू गेस्ट हाउस में रुका हूं. कश्मीर जाकर भी कहते हैं कि बुलाएंगे, यह नहीं कहते कि हमसे आकर मिलिए.'
'पीडीपी-बीजेपी तय करे किससे बात करनी है'
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा, 'इसलिए हम कहते हैं की हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सब मिलकर देश में देश को जोड़े. आगे बढ़ाएं और सद्भावना लाएं.' उन्होंने केंद्र की सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज राष्ट्रीयता के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है. कांग्रेस का मानना है कि बातचीत से ही समस्याएं हल होंगी. जहां तक कश्मीर के मसले पर हुर्रियत से बात का सवाल है, तो किससे बात करनी है और किससे नहीं, यह पीडीपी-बीजेपी की राज्य सरकार और देश के प्रधानमंत्री मोदी को तय करना है. आजाद ने कहा, 'हम साथ देंगे, लेकिन अगर हम कुछ बोलेंगे तो ये लोग हमारा विरोध शुरू कर देंगे.'