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रातभर जागे शाह और गडकरी, सुबह पलट दिया गोवा में कांग्रेस का गेम

बीजेपी ने गोवा में सरकार बना ली है और पार्रिकर सरकार ने 16 मार्च को सफलतापूर्वक बहुमत भी साबित कर लिया है. हालांकि चुनाव परिणाम के मुताबिक बीजेपी राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी थी और कंग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी फिर भी सरकार बीजेपी ने बनाई. हम बता रहे हैं कि कैसे बनी राज्य में बीजेपी की सरकार.

बीजेपी के गोवा प्रभारी नितिन गडकरी, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित बीजेपी के गोवा प्रभारी नितिन गडकरी, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित
विकास कुमार/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 8:06 AM IST

बीजेपी ने गोवा में सरकार बना ली है और मनोहर पर्रिकर सरकार ने 16 मार्च को सफलतापूर्वक बहुमत भी साबित कर लिया है. हालांकि चुनाव परिणाम के मुताबिक बीजेपी राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी थी और कंग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी फिर भी सरकार बीजेपी ने बनाई.

बीजेपी के लिए यह संभव हो पाया क्योंकि पार्टी के गोवा प्रभारी नितिन गडकरी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नतीजे आने के तुरंत बाद सक्रिय हो गए थे.

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दरअसल राज्य में बीजेपी को 13 सीटें मिली थी, वहीं कांग्रेस के पास 17 सीटें थीं. बीजेपी गोवा यूनिट के प्रभारी गडकरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया, 'नतीजे जब सामने आए तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने मुझे कॉल किया और मुझे मिलने के लिए कहा. मैंने उनसे कहा कि मैं उनके निवास पर आता हूं, वह मेरे यहां न आएं. अगले 30 से 45 मिनट में हमने उनके निवास पर ही मिलने का फैसला किया. शाम के सात बज रहे थे. हमने गोवा के राजनीतिक हालात पर विस्तार से चर्चा की. हमारे पास नंबर्स कम थे. मैंने अध्यक्ष जी से कहा कि हमारे पास सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या नहीं आई. अमित शाह जी ने मुझे कहा कि गोवा में हमें सरकार बनाना है और इसके लिए मुझे तुरंत गोवा रवाना होने का निर्देश दिया.’ गडकरी ने आगे कहा कि वो वहां से सीधे अपने घर आए और वहां से गोवा रवाना हो गए.

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गडकरी ने आगे बताया, 'गोवा में नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे कहा कि मनोहर पर्रिकर के लिए रक्षा मंत्रालय छोड़कर गोवा लौटना सही नहीं है. मैंने पर्रिकर से भी बात की.' इसके बाद, गडकरी रात भर सोए नहीं और बीजेपी गठबंधन की संभावनाओं पर काम करते रहे. वह गठबंधन, जो एक शर्त पर होने वाला था. गडकरी ने बताया, 'रात डेढ़ बजे एमजीपी के सुदिन धावलिकर ने मुझसे मुलाकात की. मैं उनको लंबे वक्त से जानता था. हमारे बीच बातचीत हुई. उन्होंने हमें समर्थन देने की बात कही. इसके बाद गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई मुझसे मिलने पहुंचे.’

गडकरी ने आगे बताया, 'सुबह पांच बजे, उन्होंने एमजीपी और जीएफपी ने शर्त रखी कि वे बीजेपी को तभी समर्थन देंगे, जब पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया जाए. मैंने सुबह पांच बजकर 15 मिनट पर अमित शाह से बात की और इस बात की जानकारी उन्हें दी. मैंने उन्हें कहा कि मैं फैसला नहीं कर पा रहा और मुझे उनकी राय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पीएम इस वक्त सो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह सुबह सात बजे पीएम को कॉल करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर पर्रिकर को गोवा भेजना भी है तो बीजेपी संसदीय बोर्ड फैसला करेगी और पर्रिकर की इच्छा पर भी विचार किया जाएगा.'

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सुबह साढ़े आठ बजे शाह ने गडकरी को फोन किया और बताया कि उन्होंने पीएम और अन्य लोगों से बातचीत की. गडकरी ने बताया, 'हर किसी का कहना है कि अगर हम गोवा में सरकार बना सकते हैं और पर्रिकर तैयार हैं तो हमें ऐसा करना चाहिए.'

तो इस प्रकार से गोवा में बीजेपी की सरकार बनी और बीजेपी से ज्यादा सीटें लाने के बाद भी कांग्रेस हाथ मलती रह गई.

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