क्या है पैन्क्रियाटिक कैंसर जिससे लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गए पर्रिकर

Manohar Parrikar death  पैन्क्रियाटिक कैंसर बहुत ही घातक बीमारी है. इंसान के पेट में मौजूद अग्‍नाशय में कैंसर युक्‍त कोशिकाओं का जन्‍म होने के कारण पैन्क्रियाटिक कैंसर की शुरूआत होती है. खास बात यह है कि इस बीमारी की चपेट में ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक आते हैं, यानी कि 60 साल की उम्र के बाद लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं. मनोहर पर्रिकर की उम्र 63 साल थी.

Advertisement
Manohar Parrikar death गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो) Manohar Parrikar death गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अग्नाशय कैंसर या पैन्क्रियाटिक कैंसर की चपेट में आकर चल बसे. हालांकि उन्होंने इस बीमारी से लड़ते हुए गजब की जीवटता का परिचय दिया और आखिरी समय तक सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे. हम आपको बताते हैं कि ये बीमारी है क्या, और इसकी पहचान कैसे होती है.    

पैन्क्रियाटिक कैंसर बहुत ही घातक बीमारी है. इंसान के पेट में मौजूद अग्‍नाशय में कैंसर युक्‍त कोशिकाओं का जन्‍म होने के कारण पैन्क्रियाटिक कैंसर की शुरूआत होती है. खास बात यह है कि इस बीमारी की चपेट में ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक आते हैं, यानी कि 60 साल की उम्र के बाद लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं. मनोहर पर्रिकर की उम्र 63 साल थी.

Advertisement

मनोहर पर्रिकर को श्रद्धांजलि देने के ल‍िए यहां क्ल‍िक करें...

बता दें कि उम्र बढ़ने के साथ ही इंसान के डीएनए में कैंसर पैदा करने वाले बदलाव होते हैं. इसी कारण 60 साल या इससे अधिक उम्र के शख्स इस बीमारी का ज्यादा शिकार बनते हैं.

पैन्क्रियाटिक कैंसर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को ज्यादा शिकार बनाता है. आम तौर पर देखा जाता है कि पुरुष धूम्रपान ज्यादा करते हैं, इस कारण उनके इस रोग के चपेट में आने की संभावना ज्यादा होती है. धूम्रपान करने वालों में अग्‍नाशय कैंसर के होने का खतरा सामान्य व्यक्ति के मुकाबले दो से तीन गुणा तक ज्यादा होता है. विशेषज्ञ बताते हैं कि रेड मीट और चर्बी युक्‍त आहार का सेवन करने वालों को ये जानलेवा बीमारी शिकार बनाता है. अगर आप फल और सब्जियों का सेवन प्रचुर मात्रा में करते हैं तो इस बीमारी के होने की आशंका कम होती है.

Advertisement

अग्नाशय कैंसर के लक्षण

मेडिकल साइंस में इस बीमारी को 'मूक कैंसर' भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बीमारी के लक्षण आपके शरीर में मौजूद तो होते हैं लेकिन आसानी से नजर नहीं आते हैं. इस बीमारी के ट्यूमर शुरुआती स्तर पर डॉक्टरों की पकड़ में नहीं आते हैं, लोगों को कुछ महसूस भी नहीं होता है, जब तक कि ये बीमारी शरीर के दूसरे हिस्सों में ना पहुंच जाए. बता दें कि मनोहर पर्रिकर की ये बीमारी डॉक्टरों को 18 मार्च 2018 को पकड़ में आई.

मूल रूप से इस बीमारी के कुछ खास लक्षण इस प्रकार है.

पेट के ऊपरी भाग में दर्द

कमजोरी महसूस होना, वजन घटना

स्किन, आंख और यूरिन का रंग पीला हो जाना

भूख न लगना, जी मिलचाना

अग्नाशय कैंसर से बचाव और उपचार

यदि आप नियमित रूप से अपना हेल्थ चेकअप कराते हैं तो इस बीमारी से आप काफी हद तक बच सकते हैं. जैसे ही इस बीमारी का पता चले तुरंत स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मिलें. मॉडर्न मेडिकल साइंस कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के द्वारा इस बीमारी का इलाज करता है.

अब हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं जिसको अपनाकर आप इस बीमारी से बचाव कर सकते हैं. लिहाजा आप ये उपाय दूसरों को भी बताएं.

Advertisement

फलों का रस: ताजे फलों का रस और हरी सब्जियां खाने से अग्नाशय कैंसर से लड़ने में फायदा मिलता है.

ब्रोकली: पैनक्रीएटिक कैंसर के उपचार के लिए ब्रोकर्ली को अच्छा समझा जाता है. ब्रोकली में मौजूद फायटोकेमिकल, कैंसर की कोशिकाओं से लड़ने में मदद मिलती है. ब्रोकली एंटी ऑक्सीडेंट का भी काम करते हैं और खून को साफ रखने में मदद रखते हैं. इसके अलावा ग्रीन टी, लहसून, सोयाबीन और एलोवेरा का भी सेवन भी इस बीमारी में काफी लाभदायक है. हालांकि अगर किसी को भी जैसे ही इस बीमारी के होने की जानकारी मिले तो तुरंत आप कैंसर विशेषज्ञ से संपर्क करें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement