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वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद चीजें सस्ती हो जाएंगी. इसके पक्ष में उन्होंने दलील दी कि देश में मौजूदा प्रावधानों के चलते कारोबारियों को टैक्स पर टैक्स अदा करना पड़ता है, जिसके चलते वस्तुओं की कीमत बढ़ जाती है. लिहाजा देशभर में एक समान टैक्स दर लागू होने से महंगाई पर लगाम लगना तय है.
GST पर लोकसभा में बहस के आखिरी में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सदन में सांसदों की ओर से उठाए गए सभी मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा. जेटली ने कहा कि कई राज्यों की शंका के चलते फिलहाल रियल एस्टेट, स्टांप ड्यूटी, पेट्रोलियम और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. हालांकि जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल को संविधान से अधिकार प्राप्त है कि वह जीएसटी लागू होने के बाद इन महत्वपूर्ण विषयों को जीएसटी के दायरे में लेने की दिशा में आगे बढ़े.
वित्तमंत्री ने जीएसटी पर क्या-क्या कहा
* जीएसटी काउंसिल की ओर से टैक्स दर तय किए जाना संविधान के तहत है.
* जीएसटी लागू होने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि देश में टैक्स पर टैक्स नहीं लगेगा, जिससे वस्तुओं की कीमत में इजाफा नहीं होगा.
* देश के हित में केन्द्र और राज्यों ने अपनी शक्तियों को एक टैक्स में निहित कर दिया है, जिससे देश में विकास को गति मिल सकेगी.
* जीएसटी लागू होने के बाद देश में टैक्स की चोरी करना आसान नहीं होगा.
* जीएसटी लागू होने के बाद देशभर में एक राज्य से दूसरे राज्य तक गुड्स और सर्विसेज का मूवमेंट बिना किसी रुकावट के किया जाएगा.
* संविधान ने देश में टैक्स के लिए शक्तियों को केन्द्र और राज्य के बीच सूची बनाकर अलग-अलग किया था. जीएसटी के जरिए अब पूरे देश में केन्द्र और राज्य टैक्स वसूलने का काम एक साथ करेंगे.
* कारोबारियों को टैक्स के लिए अब किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना होगा. उन्हें देशभर में एक दर पर और एक असेसमेंट ऑफिसर के सामने से गुजरते हुए अपना टैक्स अदा करने की सहूलियत होगी. इससे उनके
कामकाज के तरीके को आसान करने में मदद मिलेगी.
* राज्यों की शंका पर स्टांप ड्यूटी और रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया. हालांकि एक साल बाद फिर रियल एस्टेट को भी दायरे में लाने पर विचार किया जाएगा.
* इसी तर्ज पर राज्यों की शंका के चलते पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को भी फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. कुछ समय के बाद जीएसटी काउंसिल इसे शामिल करने पर फैसला ले सकती है.