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रद्द हो सकती है कि भारत-PAK विदेश सचिव स्तर की वार्ता, विकल्प तलाश रही सरकार: सूत्र

कर्नाटक दौरे से लौटने के ठीक बाद रविवार देर शाम प्रधानमंत्री ने जो उच्च स्तरीय बैठक की थी, उसमें आतंकी हमले के साथ ही विदेश सचिव स्तर की वार्ता प्रमुख मुद्दा था.

पीएम नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल पीएम नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST

पठानकोट में आतंकी हमले के बाद बहुत संभव है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 15 जनवरी को होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी जाए. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने खबर दी है कि केंद्र सरकार 15 जनवरी को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता के आयोजन के बारे में 'विकल्प पर विचार कर रही है.'

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जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक दौरे से लौटने के ठीक बाद रविवार देर शाम प्रधानमंत्री ने जो उच्च स्तरीय बैठक की थी, उसमें आतंकी हमले के साथ ही विदेश सचिव स्तर की वार्ता प्रमुख मुद्दा था. गौरतलब है कि उक्त बैठक में एनएसए अजीत डोभाल समेत, विदेश सचिव एस जयशंकर समेत कई शीर्ष रक्षा अधिकारी शामिल थे.

सूत्रों ने बताया कि करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में इस बात पर गंभीरता से चर्चा हुई कि पठानकोट में आतंकी हमले का भारत-पाकिस्तान संबंधों पर क्या असर होगा. हालांकि, बैठक के फौरन बाद यह खबर भी आई थी कि सरकार वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपना रही है.

सरताज अजीज ने किया जिक्र
इससे पहले रविवार को पठानकोट में आतंकी हमले के बीच पाकिस्तान ने भारत के साथ संबंधों में ‘सुधार दिखने’ का जिक्र किया है. पड़ोसी मुल्क ने कहा है कि दोनों देशों के विदेश सचिव द्विपक्षीय संपर्क को आगे ले जाने के लिए अगले छह महीने की वार्ताओं का खाका तैयार करने के लिए 15 जनवरी को बैठक करेंगे.

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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने 'रेडियो पाकिस्तान' पर कहा कि पाकिस्तान सरकार अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को बहाल करने और भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने की प्रक्रिया को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगी. उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के विदेश सचिव अगले छह महीने के लिए द्विपक्षीय व्यापक वार्ता का खाका तैयार करने के लिए इस्लामाबाद में 15 जनवरी को बैठक करेंगे.'

बैठक में कश्मीर पर भी बात
अजीज ने बताया कि भारत के साथ वार्ता में कश्मीर, सियाचिन और पानी सहित सभी मुद्दों पर बात होनी है. शांतिपूर्ण पड़ोस की नीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'इसने आखिरकार हमें लाभ पहुंचाया है, क्योंकि भारत और अफगानिस्तान के साथ संबंधों में सुधार दिख रहा है. आर्थिक संबंध में नई जान फूंकना, शांतिपूर्ण पड़ोस और अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की पाकिस्तान की विदेशी नीति का मूल तत्व है.'

पठानकोट हमले की निंदा
पाकिस्तान ने पठानकोट आतंकी हमले की भी निंदा की है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बाद सरताज अजीज ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में भारत के साथ साझेदारी के प्रति यह प्रतिबद्ध रहेगा.

अभी घुलनी शुरू हुई थी मिठास
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों में पिछले कुछ समय से मिठास घुलनी शुरू हुई थी. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बगैर किसी कार्यक्रम के पाकिस्तान की यात्रा करने और अपने समकक्ष नवाज शरीफ से मिलने के महज एक हफ्ते बाद पठानकोट में हमला हुआ है.

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जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से इतर 30 नवंबर को पेरिस में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच मुलाकात के बाद वार्ता बहाली की प्रक्रिया ने गति पकड़ी. इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक बैंकॉक में हुई और फिर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में शरीक होने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था.

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