
केंद्र सरकार ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने और इसे रोकने के लिए एक मंत्री समूह (जीओएम) का पुनर्गठन किया है. सरकार ने 18 जुलाई को मंत्रियों के समूह का फिर से गठन किया है. समूह में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय स्मृति ईरानी होंगी.
बता दें कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए अक्टूबर 2018 में नरेंद्र मोदी सरकार ने मंत्रियों के एक समूह का गठन किया था. इस मंत्री समूह का मकसद इस अपराध से जुड़े कानूनों का अध्ययन करना और उन्हें मजबूत करने के लिए जरूरी सिफारिश देना था, ताकि सरकार कार्यस्थलों पर एक सुरक्षित, सहज माहौल लोगों को दे सके.
केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद मंत्रियों के इस समूह ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षकारों से बात की और उनकी राय ली. मंत्री समूह ने इस मुद्दे पर मिली कई सुझावों का गंभीरता से अध्ययन किया. इसके बाद 18 जुलाई को सरकार ने मंत्री समूह का पुनर्गठन करने की घोषणा की है. मंत्रियों के इस समूह में पहली बार सरकार में शामिल हुए गृह मंत्री अमित शाह भी हैं.
गृह मंत्री अमित शाह के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, और केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी शामिल हैं. मंत्रियों के इस समूह को गृह मंत्रालय से समर्थन मिलता रहेगा.