
पाकिस्तान में धार्मिक अत्याचारों का सामना करने वाले हिंदु अब आसानी से भारत को अपना घर बना सकेंगे. केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि वह मौजूदा नागरिकता कानून में बदलाव करेगी ताकि पाकिस्तानी हिंदुओं को आसानी से भारत की नागरिकता दी जा सके.
सूत्रों के मुताबिक जुलाई-अगस्त में संसद के मानसून सत्र में 'सिटिजनशिप एक्ट 1955' में संशोधन करने के लिए एक बिल लाया जाएगा. गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक फिलहाल इस प्रस्ताव को अंतिम रुप दिया जा रहा है और इसे महीने के आखिर तक कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है. फिलहाल इस प्रस्ताव में कैबिनेट की ओर से सुझाए गए कुछ बदलाव किए जा रहे हैं.
बीजेपी ने 2014 में अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि धार्मिक यातना झेल रहे सभी हिंदुओं के लिए भारत घर है और वे ऐसे हिंदुओं को शरण दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक भारतीय नागरिकता मांगने वाले हिंदुओं को संशोधन के जरिए कई रियायतें दी जाएंगी. ये बदलाव बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं के लिए भी लागू होंगे. हालांकि कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है लेकिन एक अनुमान के मुताबिक इन देशों के तकरीबन 2 लाख हिंदु भारत में रिफ्यूजी के तौर पर रह रहे हैं.
ये बड़े संशोधन संभव
-रजिस्ट्रेशन फीस को घटाकर परिवार के एक सदस्य के लिए 100 रुपये किया जाएगा. अभी 5 हजार रुपये है.
-गृहमंत्रालय की जगह एप्लीकेशन की जांच जिला मजिस्ट्रेट और सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस कर सकेंगे.
-बैंक अकाउंट खोलने, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और आधार कार्ड बनवाने की मंजूरी.