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संसद की कैंटीन भी हुई कैशलेस

कैशलेस व्यवस्था को लागू करने में अहम भूमिका निभाने वाले संसद की खाद्य समिति के चेयरमैन ए. पी. जिथेंदर रेड्डी ने कहा कि भुगतान को आसान बनाने के लिए यह सुविधा शुरू की गई है.

संसद की कैंटीन हुई कैशलैस संसद की कैंटीन हुई कैशलैस
लव रघुवंशी/रीमा पाराशर
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

कैशलेस भारत का सपना देखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी सांसदों से जब कहा कि शुरुआत संसद भवन से की जाए तो ज़्यादातर सांसद चौंक गए थे की आखिर ये कैसे होगा. लेकिन मोदी की बात का असर दिखाई दिया और बुधवार को ही संसद भवन की 3 कैंटीन से इसकी शुरुआत हो गई.

जी हां अब संसद में कार्रवाई देखने के लिए आने बी और सांसदों को छुट्टे पैसो की आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए कैंटीन में कार्ड स्वाइप मशीन लगा दी गई हैं जिनसे आप अपने एटीएम या डेबिट कार्ड के ज़रिये पैमेंट करके खाना खरीद सकते हैं.

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दरअसल 8 नवम्बर को नोटबन्दी लागू होने के बाद से संसद में कैंटीन की बिक्री भी कम हुई और लोगों की तादाद भी क्योंकि सब्सिडी वाले खाने के लिए 20 या 100 रुपये के नोट ना तो सांसदों को मिल रहे थे और ना ही केशियर को. लिहाज़ा बात लोकसभा स्पीकर के पास पहुंची. फिर क्या था अधिकारियों के साथ बैठक हुई और रास्ता निकला की डिजिटल पेमेंट की तरफ बढा जाए. इसके लिए बाकायदा कॉम्चारियो को ट्रेनिंग दी गई और कैंटीन में सुमित्रा महाजन ने स्वाइप मशीन लगाकर उद्घाटन कर दिया.

जिसके बाद अबसे सीधे कार्ड के ज़रिये किसी भी रेस्टोरेंट की तरह संसद में भी लंच मिल सकेगा.

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