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पिछले 5 साल में PF पर मिलेगा सबसे कम ब्याज, 8.55% को मंजूरी

वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफ पर 8.55 प्रतिशत ब्याज देने को मंजूरी दी थी. लेकिन कनार्टक चुनाव के कारण आचार संहिता लगे होने से इसे लागू नहीं किया जा सका.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2018,
  • अपडेटेड 6:43 AM IST

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से वित्त वर्ष 2017-18 के लिये पांच करोड़ अंशधारकों के खातों में 8.55 प्रतिशत ब्याज डालने को कहा है. यह वित्त वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम है. ईपीएफओ के 120 से अधिक क्षेत्रीय कार्यालयों को लिखे पत्र के मुताबिक श्रम मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 2017-18 के लिये अंशधारकों के भविष्य निधि खातों में 8.55 प्रतिशत ब्याज देने को मंजूरी दे दी है.

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वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफ पर 8.55 प्रतिशत ब्याज देने को मंजूरी दी थी. लेकिन कनार्टक चुनाव के कारण आचार संहिता लगे होने से इसे लागू नहीं किया जा सका. श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 21 फरवरी 2018 को हुई बैठक 2017-18 के लिये 8.55 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया था.

श्रम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय की मंजूरी के लिये यह सिफारिश भेजी. हालांकि वित्त मंत्रालय की सहमति से इसे क्रियान्वित नहीं किया जा सका और बाद में 12 मई को होने वाले कर्नाटक चुनाव से पहले आचार सहिंता लगे होने के कारण इसमें और देरी हुई. ईपीएफओ ने 2016-17 के लिये 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया था. वहीं 2015-16 में यह 8.8 प्रतिशत, 2014-15 और 2013-14 में 8.75 प्रतिशत था. वर्ष 2012-13 में ईपीएफओ ने 8.5 प्रतिशत ब्याज दिया था.

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बता दें कि सबसे पहले ईपीएफओ की प्रमुख संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ब्याज दरों को लेकर फैसला लेती है. इसके बाद तय ब्याज दरों के फैसले की एक कॉपी वित्त मंत्रालय को उसके विचार-विमर्श के लिए भेजी जाती है.

वित्त मंत्रालय के नई ब्याज दरों को पास करने के बाद उसे अधिसूचित कर दिया जाता है. जैसे ही ईपीएफओ ब्याज दर को अधिसूचितकरता है, उसके तुरंत बाद इसे सब्सक्राइबर के खाते में क्रेडिट किया जाता है.

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