Advertisement

मोसुल से आजतक की GROUND REPORT: IS ने उड़ा दी थी जेल, कहां हैं 39 भारतीय?

इस बात की जानकारी नहीं कि 39 लापता भारतीय आखिर हैं कहां. मगर सवाल ये भी है कि जब बदूश की वो जेल ही बगदादी के आतंकियों ने बारूद से उड़ा दी तो फिर भारत सरकार किस दावे से कह रही है कि भारतीय बदूश की जेलों में बंद हो सकते हैं.

39 भारतीयों के बचे होने की उम्मीद बुझती दिख रही 39 भारतीयों के बचे होने की उम्मीद बुझती दिख रही
नंदलाल शर्मा
  • मोसुल,
  • 22 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 9:30 PM IST

तलाश उन 39 भारतीयों की, जो पिछले 3 साल से इराक में लापता हैं. हिन्दुस्तान में जिनके तड़प रहे हैं कि कहीं से उनकी सलामती की कोई खबर मिल जाए. कई बार परिवार वालों ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई. अब जबकि मोसुल पर इराकी सेना का कब्जा हो चुका है. बगदादी का गढ़ तबाह हो चुका है. 39 भारतीयों के परिवार वालों को उम्मीद की लौ फिर से जल उठी है. सरकार अब भी यही भरोसा दे रही है कि लापता भारतीय सुरक्षित होंगे. 

Advertisement

ISIS से बचकर लौटे हरजीत ने किया था दावा- इराक में मारे जा चुके हैं 39 भारतीय

इन्हीं भारतीयों की तलाश में आजतक इराक के मोसुल पहुंचा और उस जेल की तलाश की, जहां भारतीयों के बंद होने की खबर थी. बगदादी के गढ़ मोसुल से आजतक की ग्राउंड रिपोर्ट.

EXCLUSIVE: आजतक की पड़ताल- इराक में लापता 39 भारतीयों का कोई सुराग नहीं

भारतीयों के गायब होने पर विदेशमंत्री कह रही हैं कि 2014 में इराके के मोसुल से गायब हुए 39 भारतीय बदूश की जेल में हो सकते हैं. विदेश राज्यमंत्री कह रहे हैं कि उम्मदी पर दुनिया कायम है. भारत में इराक के राजदूत फाखरी अल इस्सा कह रहे हैं कि संभव है कि इराक के मोसुल से लापता 39 भारतीय बदूश की जेल में हों. यानि दो देशों के तीन बड़े नाम ये मान रहे हैं कि आतंक के आका बगदादी की सल्तनत रहे मोसुल के बदूश में 2014 से गायब 39 भारतीय हो सकते हैं.

Advertisement

कांग्रेस का EAM पर हमला, कहा- इराक में गायब 39 भारतीयों पर सुषमा ने बोला झूठ

मोसुल से बदूश जाने में पल पल जान का खतरा था. कहीं भी बगदादी के आतंकियों से सामना होने का डर था. यहां की हवा में आतंकी बारूद बसी है. लिहाजा धमाके का लगातार डर था. मगर हम देखना चाहते थे कि बदूश में वो जेल कहां है जहां 2014 से गायब भारतीयों के रहने की संभावना जताई जा रही है. आजतक की टीम बदूश भी पहुंची, लेकिन हमें जो दिखा... उससे उम्मीद की लौ बुझती दिखाई देने लगी.

मोसुल से लौटे वीके सिंह से सुनें 39 भारतीयों के लापता होने की INSIDE STORY

यानि बदूश के जिस जेल को आधार बताकर उम्मीद की किरण दिखाई जा रही है, उस जेल को बगदादी के आतंकियों ने खुद जमींदोज कर दिया है. यहां न बंदा दिखता है न बंदे की जात. तो फिर सवाल ये है कि मोसुल से गायब हुए 39 भारतीय कहां हैं? उन्हें ज़मीन खा गई या आसमान निगल गया?

बदूश से करीब 113 किलोमीटर की दूरी तय करके आजतक की टीम इरबिल पहुंची. इरबिल इराकी कुर्दिस्तान की राजधानी थी और 3 साल तक बगदादी ने यहां आतंक का खुला खेल खेला. आजतक सीधे इरबिल रेड क्रॉस के दफ्तर पहुंचा. इस उम्मीद में कि हमें 39 लापता भारतीयों के बारे में शायद कोई सुराग मिल जाए. यहां पहुंचकर हमने रेड क्रॉस अधिकारी से जानना चाहा कि क्या वो अगवा किए गए भारतीयों के बारे में कोई जानकारी दे सकते हैं.

Advertisement

अमेरिकी रक्षा मंत्री का दावा- अभी भी जिंदा है ISIS सरगना बगदादी

रेड क्रॉस के मैनेजर हावरे इशान सादिक ने कहा कि तीन सालों तक मोसुल आईएस के कब्जे में रहा. कोई जानकारी नहीं है. आजतक ने हावरे से पूछा कि क्या उनके जीवित होने की स्थिति में आपको जानकारी मिलेगी, तो उन्होंने सहमति में हां कहा.

यानि आधिकारिक तौर पर भी अगवा किए गए भारतीयों के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है.

EXCLUSIVE: आजतक की पड़ताल- इराक में लापता 39 भारतीयों का कोई सुराग नहीं

इरबिल में 6000 से ज्यादा भारतीय रहते हैं लिहाज़ा हमने सोचा क्यों न भारतीयों से ही 39 भारतीयों की जानकारी तलाशी जाए. इसी उद्देश्य से आजतक इरबिल के इस होटल में पहुंचे. यहां तिरुपति नाम का एक भारतीय शख्स मिला. तिरुपति ने आजतक को बताया कि यानि भारतीय होने के नाते यहां रहने वाले लोगों को दुख तो है, मगर इस बात की जानकारी नहीं कि 39 लापता भारतीय आखिर हैं कहां. मगर सवाल ये भी है कि जब बदूश की वो जेल ही बगदादी के आतंकियों ने बारूद से उड़ा दी तो फिर भारत सरकार किस दावे से कह रही है कि भारतीय बदूश की जेलों में बंद हो सकते हैं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement