
हाई कोर्टों में जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम की सिफारिशों पर सरकार की उदासीनता को लेकर गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए 22 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सॉलिसिटर जनरल से 22 जुलाई को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि कोलेजियम की सिफारिशों के मुताबिक जजों की नियुक्तियां की जाएं. गुजरात हाईकोर्ट के जज को इसलिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नहीं बनाया, क्योंकि उनके दो फैसले मौजूदा केंद्र सरकार को नागवार गुजरे थे. सरकार ने जस्टिस कुरेशी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश वाली फाइल पर न तो अमल किया, न फाइल समय रहते वापस कोलेजियम को भेजी.
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम की सिफारिशों को नजरंदाज करते हुए केंद्र सरकार ने रविशंकर झा को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट का कार्यवाहक चीफ जस्टिस नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की थी. देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने 10 मई को जस्टिस ए.ए. कुरैशी को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्ति के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार बताते हुए अपनी सिफारिश दी थी. जस्टिस ए.ए. कुरैशी वर्तमान में गुजरात हाई कोर्ट के वरिष्ठतम जज हैं.
जस्टिस कुरेशी की नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में कहा, "जस्टिस ए.ए. कुरैशी गुजरात हाई कोर्ट के वरिष्ठतक जज हैं और वर्तमान में तबादले पर मुंबई हाई कोर्ट में कार्यरत हैं. सभी संबद्ध कारकों को ध्यान में रखते हुए कोलेजियम की राय है कि जस्टिस ए.ए. कुरैशी मध्यप्रदेश के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्ति के लिए हर दृष्टि से योग्य हैं."