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गुवाहाटी के मंदिर-मस्जिदों में अब नहीं बज सकेंगे लाउड स्पीकर!

नोटिफिकेशन में पांच तरह के इलाकों का जिक्र है. इनमें सभी सरकारी और निजी अस्पताल, शिक्षण संस्थान, हाईकोर्ट, जिला एवं सेशन कोर्ट, सीजेएम कोर्ट, सभी सरकारी दफ्तर और मंदिर, गुरुद्वारे, मस्जिद, चर्च, बौद्ध मठ समेत सभी अहम धार्मिक स्थल शामिल हैं.

सांकेतिक तस्वीर (साभार: www.hellomandsaur.com) सांकेतिक तस्वीर (साभार: www.hellomandsaur.com)
लव रघुवंशी
  • गुवाहाटी,
  • 30 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

ऐसा लगता है सोनू निगम की अजान पर आपत्ति से सबसे ज्यादा असम सरकार प्रभावित हुई है. गुवाहाटी शहर और आसपास के कुछ इलाकों में धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे को जिला प्रशासन ने 'साइलेंट जोन' घोषित कर दिया है. कामरूप (मेट्रो) जिले के डीएम अंगामुत्थु ने शुक्रवार को इस सिलसिले में नोटिफिकेशन जारी किया. इसके मुताबिक राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन इलाकों में ध्वनि प्रदूषण की रिपोर्ट हर महीने जमा करने को कहा गया है.

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सरकार के निर्देश के बाद उठाया कदम
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि असम की सरकार के निर्देश को मानते हुए ये कदम उठाया गया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक 'साइलेंट जोन' घोषित करने का फैसला साल 2000 में बने ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियमों के तहत लिया गया है. फैसले के समर्थन में पर्यावरण संरक्षण नियम, 1986 का भी जिक्र है.

इन प्रतिष्ठानों पर लागू होगा फरमान
नोटिफिकेशन में पांच तरह के इलाकों का जिक्र है. इनमें सभी सरकारी और निजी अस्पताल, शिक्षण संस्थान, हाईकोर्ट, जिला एवं सेशन कोर्ट, सीजेएम कोर्ट, सभी सरकारी दफ्तर और मंदिर, गुरुद्वारे, मस्जिद, चर्च, बौद्ध मठ समेत सभी अहम धार्मिक स्थल शामिल हैं. लोक निर्माण विभाग को इन प्रतिष्ठानों के आसपास 15 दिन के भीतर बोर्ड लगाने के लिए कहा गया है जिनमें 'साइलेंट जोन' का जिक्र होगा.

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लाउडस्पीकरों पर स्थिति साफ नहीं

नोटिफिकेशन में कहीं भी सीधे तौर पर धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर पाबंदी का जिक्र नहीं है. डीएम अंगामुत्थु ने इस सिलसिले में मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर पहले से ही पाबंदी लगी हुई है. असम सरकार ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं दी है.


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