
हरियाणा सरकार की योजना कारगर हुई तो जंगल के राजा शेर को देखने के लिए दिल्ली के लोगों को बहुत दूर जाने की जरूरत नहीं होगी. दिल्ली के करीब ही शेर की दहाड़ सुनने को मिल सकती है.
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार एनसीआर में एक लायन सफारी स्थापित करने जा रही है. हरियाणा के पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने अरावली पहाड़ियों की तलहटी में लायन सफारी बनाने के लिए एक फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है.
राव नरबीर सिंह ने मेल टुडे को बताया, 'हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लायन सफारी बनाने के लिए उपयुक्त स्थल का चुनाव करें. अधिकारियों से गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले में ही ऐसे स्थल का चुनाव करने को कहा है. इन जिलों में अरावली की तलहटी में काफी अनुकूल वातावरण है और वहां पर्याप्त हरियाली तथा बलुई इलाके का मिश्रण है.' उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए एक ही जगह पर करीब 5,000 एकड़ जमीन की जरूरत होगी.
सिंह ने कहा, 'इसके पीछे सोच यह है कि गिर फॉरेस्ट की तरह ही यहां एक लायन सफारी का विकास किया जाए ताकि दिल्ली आने वाले राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके. इसके अलावा, हरियाणा सरकार गिर के अलावा यहां एक ऐसा प्रजनन स्थल विकसित करना चाहती है, जिससे शेरों की संख्या बढ़ सके.'
गौरतलब है कि साल 2008 में एशियाई शेरों को विलुप्तप्राय नस्ल की श्रेणी में शामिल किया गया था. साल 2010 के बाद से गुजरात के गिर फॉरेस्ट नेशनल पार्क में शेरों की लगातार संख्या बढ़ी है. लेकिन अब भी इनकी सख्या महज 665 है.
गौरतलब है कि यूपी के इटावा में स्थित लायन सफारी में आठ शेरों की मौत हो गई थी, इसलिए हरियाणा सरकार कोई भी चूक नहीं करना चाहती और प्रोजेक्ट को सभी पैरामीटर पर काफी जांच-परखकर आगे बढ़ाया जाएगा.
इस अति महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर करीब 1,000 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है. गौरतलब है कि देश में अभी दो लायन सफारी हैं-यूपी के इटावा और गुजरात के गिर में, दोनों दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों से दूर हैं.