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हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा EC, लिखी चिट्ठी

हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने हैं. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. आयोग ने दोनों राज्यों की सरकारों को चिट्ठी लिखकर तैयारियां शुरू करने को कहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटोः aajtak) प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटोः aajtak)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 12:06 AM IST

हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अक्टूबर में होने हैं. इसके लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. आयोग ने दोनों राज्यों की सरकारों को चिट्ठी लिखकर तैयारियां शुरू करने को कहा है.

सूत्रों का कहना है कि निर्वाचन आयोग इन दोनों राज्यों के साथ ही झारखंड और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए भी चुनाव साथ कराने के विकल्प पर भी मंथन चल रहा है. इस संबंध में आयोग के जल्द ही फैसला कर लेने की उम्मीद है.

निर्वाचन आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक हरियाणा में 90 सदस्यों वाली विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर को पूरा हो रहा है. वहीं महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा का अंतिम दिन 11 नवंबर है. इन दोनों राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में चार महीने से भी कम रहने से आयोग ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखा है.

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पत्र में दोनों राज्यों को 31 अक्तूबर तक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के लिहाज से ही चुनावी तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं. निर्वाचन आयोग को नवंबर से पहले हरियाणा, महाराष्ट्र और अगले साल फरवरी 2020 तक जम्मू-कश्मीर, झारखंड और दिल्ली विधानसभा के चुनाव भी संपन्न कराने हैं. हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में भाजपा की सरकार है.

दिल्ली में आप की सरकार है, जबकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने से पहले भाजपा सरकार में सहयोगी थी. आयोग में अपनी चिट्ठी में हरियाणा और महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और CEO को नियमित हिदायतें और एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

तीन साल से जिलों में जमे अधिकारियों का होगा तबादला

आयोग ने निर्देश दिया कि चुनाव ड्यूटी में तैनात किए जाने वाले किसी भी अधिकारी की तैनाती गृह जिले में न हो. किसी भी जिले में अक्टूबर तक तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अधिकारी का फौरन तबादला कर दिया जाय. एक जगह तैनाती के तीन साल और पिछले चार साल में अलग-अलग समय के दौरान हुई तैनाती की स्थिति में भी हटना होगा.

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चुनाव या उपचुनाव के दौरान किसी जिले या ब्लॉक में तैनात रहे डीईओ, आरओ को भी हटाया जाय. चुनावी तैनाती का यह नियम पुलिस इंस्पेक्टरों और सब इंस्पेक्टरों पर भी लागू होगा. इस कदम के बाद आयोग का दौरा, सीईओ और मुख्य सचिवों के साथ मीटिंग कर सुरक्षा और अन्य जरूरी तैयारियों का जायजा लेने के साथ ही पर्यवेक्षकों की नियुक्तियां शुरू होंगी.

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