
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को सचिवालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दनकुनी और पलसित के दो टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती पर चिंता जताई. ममता ने कहा कि राज्य सरकार को कोई भी सूचना दिए बगैर इस तरह सेना को तैनात किया जाना एक गंभीर मुद्दा है. उन्होंने धमकी दी कि जब तक सेना को टोल प्लाजा से नहीं हटाया जाता, वो सचिवालय में ही डेरा जमाए रहेंगी.
ममता ने इसे आपातकाल जैसे हालात बताया और सैन्य तख्तापलट कहा. उन्होंने कहा, 'जब देश में इमरजेंसी लगाई जाती है तो केंद्र सरकार राज्यों की कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में ले लेता है. राष्ट्रपति इमरजेंसी की घोषणा करते हैं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है. केंद्र सरकार ने सेना की जीप तैनात करने से पहले राज्य को अपने विश्वास में नहीं लिया है.'
दूसरी तरफ सेना ने ममता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये सेना का नियमित अभ्यास है. सेना ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है. साथ ही ममता बनर्जी की तरफ से इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद सेना को कई जगहों से हटा लिया गया है.
ईस्टर्न कमांड ने ट्वीट कर कहा कि ये अभ्यास पश्चिम बंगाल पुलिस की जानकारी में है और उनके तालमेल के साथ चल रहा है. जबकि पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की अनुमति लिए बगैर राज्य के ज्यादातर इलाकों में सेना तैनात की गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना को राजनीतिक बदले के लिए इस्तेमाल कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'सेना कई जिलों में मौजूद है. मैं आज रात दफ्तर में ही रहूंगी क्योंकि अपने लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है.'
कई जगह हो रहा अभ्यास
आर्मी ने बताया कि सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में रुटीन अभ्यास हो रहा है. इनमें असम के 18, अरुणाचल प्रदेश के 13, पश्चिम बंगाल के 19, मणिपुर के 6, नागालैंड के 5, मेघालय के 5, त्रिपुरा और मिजोरम के 1 स्थान शामिल हैं.
जबकि ममता ने कहा कि मेरे अधिकारियों ने ओडिशा, बिहार, केरल और छत्तीसगढ़ में पता किया, लेकिन यह केवल बंगाल में हुआ.