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दिल्ली में प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुलाई बैठक, अस्पतालों को एडवाइजरी जारी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का कहना है कि सरकार हालात पर नजर रखे हुए है. सभी कंसर्न विभागों को इस बारे में एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है.

दिल्ली में घना स्मॉग दिल्ली में घना स्मॉग
दिनेश अग्रहरि/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST

दिल्ली में प्रदूषण से उत्पन्न हालात पर विचार के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल बैठक बुलाई है. स्मॉग के बिगड़े हालात और मेडिकल इमजरेंसी जैसी स्थिति पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का कहना है कि सरकार हालात पर नजर रखे हुए है. सभी कंसर्न विभागों को इस बारे में एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है.

आजतक से खास बातचीत में जेपी नड्डा ने कहा, 'जितना प्रिवेंटिव स्टेप ले सकते हैं, ले रहे हैं. नजर बनाई हुई है. साथ-साथ स्टेट के साथ कोर्डिनेशन कर रहे हैं. जनता का जितना भी कोऑपरेशन और पार्टिसिपेशन है उसको बढ़ाया है. जहां तक हॉस्पिटल का सवाल है, स्टेट गवर्नमेंट को भी कहा है और सेंट्रल गर्वमेंट भी अलर्ट है. कोई मरीज अभी आया नहीं है, लेकिन उनको डील करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है. अस्पतालों को तैयार रखा गया है.

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उन्होंने कहा, 'स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालात से निपटने के लिए कल एक बैठक भी बुलाई है, जिसमें स्थिति की समीक्षा की जाएगी. स्मॉग के दौर में एक्सीडेंट के चांसेस बनते हैं और ट्रॉमा बढ़ता है. इसके लिए हमने अलग से व्यवस्था की है. हम सब चीजों पर नजर बनाए हुए हैं.'

आर्टिफिशियल रेन के बारे में जेपी नड्डा का कहना है कि इस बारे में फैसला तमाम मंत्रालयों, तमाम कंसर्न विभागों से बातचीत करके ही लिया जाएगा कि क्या करना है कैसे निपटना है? पराली जलाने के मुद्दे पर नड्डा का कहना है कि हमने पर्यावरण मंत्रालय के माध्यम से कोशिश की है कि उनका सहयोग मिले, इस बारे में सेन्सेटाइजेशन हो. यह कोई दो दिन का मसला नहीं है. हमारे किसान भाई लंबे समय से यह करते आ रहे हैं, इसमें सेन्सेटाइजेशन की जरूरत है. इसमें विचार-विमर्श की जरूरत है, इसलिए पर्यावरण मंत्रालय से मिलकर बात कर रहे हैं. पिछली बार और अब की स्थिति में बहुत फर्क आया है, अब सेन्सेटाइजेशन बढ़ा है.

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हिमाचल प्रदेश में अच्छे बहुमत से BJP की सरकार बनेगी

हिमाचल प्रदेश के चुनावी मुद्दे और मुख्यमंत्री पद पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जय प्रकाश नड्डा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा कुशासन भ्रष्टाचार है. कांग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार का कुशासन के साथ भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है, ऊपर से लेकर नीचे तक सभी लोग भ्रष्टाचार में डूबे हैं. कानून-व्यवस्था इस कदर खराब हुआ कि लोगों का वीरभद्र सरकार से विश्वास उठ गया.

उन्होंने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रदेश को बहुत सौगात दी. स्पेशल स्टेटस दिया, इंडस्ट्रियल पैकेज दिया. AIIMS और IIM जैसे संस्थान दिए. इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए साठ हजार करोड रुपये, 71 नेशनल हाईवे दिए. लेकिन कांग्रेस सरकार ने अटकाना, भटकाना और लटकाना, ये तीन काम किए. कांग्रेस की छोटी सोच के कारण, छोटी राजनीति के कारण इसको रोका, जिसका लोगों में गुस्सा है और वह गुस्सा आज चुनाव में साफ तौर से दिखाई दिया. तीन-चौथाई से भी ज्यादा मतों से BJP की धूमल सरकार हिमाचल प्रदेश में बनेगी.'

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