
शिवसेना के नाम और सिंबल को लेकर जारी सियासी जंग पर सुप्रीम कोर्ट में बहस जारी है. पांच जजों की संविधान पीठ इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही है. बुधवार को सुनवाई के दौरान उद्धव गुट की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें दीं. उन्होंने कहा कि 21 जून से पहले पार्टी के अंदर किसी बात को लेकर असहमति या मतभेद नहीं था. असहमति की बात तब पता चलती है, जब ये लोग (शिंदे गुट) असम जाकर बयानबाजी करने लगते हैं. सिब्बल ने सवाल किया कि बागी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं, बहुमत का आनंद लेते हैं. और फिर पाला बदल लेते हैं. सदन की सदस्यता किसी की निजी संपत्ति नहीं है, जो वह व्यापार करने लगा जाए?
बता दें कि उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के लिए सोमवार को याचिका दाखिल कर अर्जेंट सुनवाई की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए बुधवार का समय दिया था. अदालत ने यह कहते हुए सोमवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया था कि अर्जेंट सुनवाई के लिए एक उचित प्रक्रिया है, जिसका पालन किया जाना चाहिए. दरअसल, चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और पार्टी सिंबल शिंदे गुट को देने का फैसला किया था, जिसके बाद उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
शिंदे गुट ने दाखिल की थी कैविएट
शिवसेना का नाम और निशान मिलने से उत्साहित शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर ये मांग कर दी थी कि बिना उनका पक्ष सुने कोई भी एकतरफा आदेश पारित न किया जाए. उद्धव गुट की नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बयान ने पहले ही कयास लगने लगे थे कि उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट जा सकता है. उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि अब लोकतंत्र की रक्षा सुप्रीम कोर्ट को ही करनी होगी.
लागातार निशाना साध रहा उद्धव गुट
बता दें कि शिंदे गुट के पास शिवसेना का नाम और बार्टी सिंबल जाने के बाद उद्धव गुट लगातार शिंदे सरकार और केंद्र की मौदी सरकार पर निशाना साध रहा है. सोमवार को भी महाराष्ट्र पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी के तलवे चाटने के लिए पैदा नहीं हुई है.
'शिवसेना को खत्म करने की कोशिश'
उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा था कि शिवसेना को 'सुपारी' देकर खत्म करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा था, 'अभी हमारे लिए यह सबसे कठिन समय है. आज हम फिर उस मोड़ पर आकर खड़े हो गए हैं, जब शिवसेना प्रमुख बालासाहेब हमें छोड़कर चले गए थे. 'उन्होंने आगे कहा था कि बालासाहेब के निधन के बाद कहा गया कि अब शिवसेना नहीं चल पाएगी. लेकिन हमने इस बात को गलत साबित करके दिखाया. हमने शिवसेना को चलाकर दिखा दिया. केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर हम अभी नहीं जागे तो 2024 के बाद हम तानाशाही के अधीन हो जाएंगे.